Navy Day: तिरुवनंतपुरम में 4 दिसंबर को दिखेगा नौसेना का शौर्य... होगा शक्ति प्रदर्शन

भारतीय नौसेना 4 दिसंबर 2025 को नौसेना दिवस तिरुवनंतपुरम के शंगुमुघम बीच पर भव्य ऑपरेशनल प्रदर्शन से मनाएगी. यह बहु-क्षेत्रीय संचालन, स्वदेशी प्लेटफॉर्म और आत्मनिर्भर भारत को दिखाएगा. सतह, पनडुब्बी, हवाई संपत्तियों का समन्वय होगा. 1971 युद्ध की याद में मनाया जाता है. नौसेना की लड़ाकू तत्परता और हिंद महासागर में सुरक्षा साझेदार भूमिका उजागर करेगा.

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INS विक्रांत पर लैंड होता नौसेना ध्रुव हेलीकॉप्टर. (File Photo: Indian Navy) INS विक्रांत पर लैंड होता नौसेना ध्रुव हेलीकॉप्टर. (File Photo: Indian Navy)

मंजीत नेगी / शिवानी शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 08 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:04 PM IST

भारतीय नौसेना 4 दिसंबर 2025 को नौसेना दिवस मनाएगी. यह जश्न तिरुवनंतपुरम के शंगुमुघम बीच पर एक शानदार ऑपरेशनल प्रदर्शन के साथ होगा. यह नौसेना का प्रयास है कि यह कार्यक्रम बड़े नौसैनिक ठिकानों के बाहर आयोजित हो. पहले यह ओडिशा के पुरी और महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में हुआ था. यह बड़ा आयोजन आम लोगों को नौसेना के बहु-क्षेत्रीय संचालन देखने का दुर्लभ मौका देगा.

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प्रदर्शन का उद्देश्य और विशेषताएं

प्रदर्शन में नौसेना के आधुनिक हथियार और प्लेटफॉर्म दिखाए जाएंगे. यह नौसेना की हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में 'पसंदीदा सुरक्षा साझेदार' बनने की प्रतिबद्धता को दर्शाएगा. यह महासागर पर फोक्स्ड है, जो क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र प्रगति पर जोर देता है. आयोजन नौसेना की मजबूत लड़ाकू क्षमता, तकनीकी उत्कृष्टता और तत्परता को जीवंत बनाएगा. यह देश की बढ़ती समुद्री ताकत और आत्मनिर्भरता को भी दिखाएगा.

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प्रदर्शन में सतह, पनडुब्बी और हवाई संपत्तियों का सहज समन्वय होगा. यह नौसेना की सटीक शक्ति पहुंचाने की क्षमता को प्रतीकित करेगा. समुद्री क्षेत्र में शक्ति और सटीकता का प्रदर्शन होगा. यह भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के लिए नौसेना की तैयारी को उजागर करेगा.

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आत्मनिर्भर भारत का प्रतिबिंब

आत्मनिर्भर भारत की दृष्टि के अनुरूप, प्रदर्शन में स्वदेशी बने हथियार और प्लेटफॉर्म प्रमुख होंगे. ये मेक इन इंडिया अभियान के तहत नौसेना के प्रयासों का नतीजा हैं. ये एक आधुनिक, तकनीकी रूप से उन्नत और भविष्य के लिए तैयार नौसेना का निर्माण कर रहे हैं. प्रदर्शन ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नौसेना की तत्परता को भी याद दिलाएगा.

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यह सटीकता, गति और प्रभुत्व से हमला करने की क्षमता को दोहराएगा. यह नौसेना के पुरुषों और महिलाओं के पेशेवरता, अनुशासन और साहस को सलाम करेगा, जो देश की संप्रभुता और समुद्री हितों की रक्षा करते हैं.

1971 युद्ध की याद

नौसेना दिवस 1971 के भारत-पाक युद्ध में नौसेना की महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाता है. उस युद्ध में नौसेना ने दुश्मन की नौसेना और तटीय रक्षा को निर्णायक झटका दिया. ऑपरेशन त्रिशूल के तहत मिसाइल नौकाओं ने कराची बंदरगाह पर साहसी हमला किया. यह हमला न केवल भारत की समुद्री ताकत दिखाया, बल्कि सटीकता, साहस और रणनीतिक चतुराई का प्रतीक बना.

नौसेना का संकल्प

यह प्रदर्शन भारतीय नौसेना को एक जंग के लिए तैयार, एकजुट, विश्वसनीय और आत्मनिर्भर बल के रूप में मनाएगा. यह समुद्रों की रक्षा करते हुए विकसित और समृद्ध भारत के लिए नौसेना की भूमिका को रेखांकित करेगा.

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