पहलगाम में मारे गए शैलेश कड़ाथिया की पत्नी बोली- 'मेरे पति को गोली मारने के बाद हंस रहे थे आतंकी'

दक्षिण कश्मीर के पहलगाम शहर में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों में शैलेश कड़ाथिया समेत गुजरात के तीन निवासी भी शामिल थे. राज्य के दो अन्य पीड़ित - यतीश परमार और उनके बेटे स्मित - भावनगर शहर के थे.

Advertisement
शैलेश कलाथिया की पत्नी ने गुरुवार को आपबीती सुनाई शैलेश कलाथिया की पत्नी ने गुरुवार को आपबीती सुनाई

aajtak.in

  • अहमदाबाद,
  • 24 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 8:25 PM IST

Pahalgam Attack Eyewitness: कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वाले सूरत निवासी शैलेश कड़ाथिया की पत्नी ने गुरुवार को कहा कि उनके पति को गोली मारने के बाद आतंकवादियों ने कोई पछतावा नहीं दिखाया, क्योंकि वे हंसते हुए दिख रहे थे.

दक्षिण कश्मीर के पहलगाम शहर में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों में शैलेश कड़ाथिया समेत गुजरात के तीन निवासी भी शामिल थे. राज्य के दो अन्य पीड़ित - यतीश परमार और उनके बेटे स्मित - भावनगर शहर के थे.

Advertisement

गुरुवार को तीनों मृतकों का उनके पैतृक स्थानों पर अंतिम संस्कार किया गया, क्योंकि स्थानीय निवासी शोक की लहर के बीच उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए. शैलेश कड़ाथिया की पत्नी शीतलबेन कलाथिया उस समय काफी परेशान दिखीं, जब उनके पति के पार्थिव शरीर को उनके घर से श्मशान ले जाया जा रहा था.

पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने कोई दया नहीं दिखाई, क्योंकि वे उनके पति को बहुत करीब से मारने के बाद हंस रहे थे. उन्होंने कहा, 'एक आतंकवादी पहले हमारे करीब आया और फिर यह जानने के बाद कि वह हिंदू है, मेरे पति को गोली मार दी. मेरे पति की तरह ही, अन्य हिंदू पुरुषों को उनके बच्चों के सामने गोली मारी गई. मेरे पति को गोली मारने के बाद आतंकवादी हंस रहा था और तब तक वहां से नहीं गया, जब तक कि वह मर नहीं गए.'

Advertisement

शैलेश कड़ाथिया के बेटे नक्श कड़ाथिया ने सूरत में अपने पिता का अंतिम संस्कार किया. बाद में पत्रकारों से बात करते हुए नक्श ने कहा कि उनके पिता को हिंदू होने के कारण निशाना बनाया गया. उनके और उनकी मां के सामने एक आतंकवादी ने उनके पिता को गोली मार दी.

शैलेश कड़ाथिया अपनी पत्नी शीतलबेन, बेटे नक्श और बड़ी बेटी नीति के साथ पहलगाम में छुट्टियां मना रहे थे, जब आतंकवादियों के समूह ने बैसरन पर हमला किया. नक्श ने बताया, 'जैसे ही हमने गोलियों की आवाज सुनी, सभी पर्यटक पहलगाम में छिपने के लिए भागने लगे. आखिरकार दो आतंकवादियों ने हमें ढूंढ़ लिया और हम सभी से हमारा धर्म बताने को कहा. उन्होंने लोगों को दो समूहों में बांट दिया - हिंदू और मुस्लिम. फिर, उन्होंने मेरे पिता सहित सभी हिंदू लोगों को गोली मार दी और भाग गए.' 

भावनगर में, स्मित परमार के मामा सार्थक नैथानी ने बताया कि आतंकी हमला कैसे हुआ. उन्होंने बताया 'हमले के समय, उस क्षेत्र में लगभग 20 से 30 पर्यटक थे. मुझे डर था कि मैं भी मारा जाऊंगा. हिंदुओं को मुसलमानों से अलग करने के बाद, आतंकवादियों ने उनसे 'कलमा' पढ़ने को कहा. जिन मुसलमानों ने इसे पढ़ा, उन्हें छोड़ दिया गया, लेकिन जो नहीं पढ़ पाए, उन्हें गोली मार दी गई.' 

Advertisement

भावनगर से श्रीनगर आए कुल 20 लोगों में से, जिनमें परमार और नैथानी परिवार भी शामिल थे, 12 पहलगाम गए, जहां उन्हें आतंकवादियों ने निशाना बनाया. उन्होंने बताया कि उस इलाके में पर्यटकों पर गोलियां चलाने वाले आतंकियों ने सेना की वर्दी जैसे हरे रंग के कपड़े पहने हुए थे और उनके चेहरे ढके नहीं थे. 

सार्थक नैथानी ने बताया, 'चारों तरफ से अंधाधुंध फायरिंग के कारण सभी भागने लगे. यतीशभाई को आतंकियों ने गोली मार दी. मैंने कुछ दूरी से देखा कि एक आतंकी ने स्मित से कुछ पूछा और फिर नजदीक से गोली चला दी.'
 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement