खुलेगा महंत नरेन्द्र गिरी की मौत का राज? CBI ने खोले सील किए कमरे

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि की संदिग्ध मौत का राज जल्द खुल सकता है. मामले की जांच कर रही CBI की एक टीम गुरुवार को एक बार फिर प्रयागराज पहुंची और श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के सील कमरों को खोला.

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महंत नरेन्द्र गिरि (फाइल फोटो) महंत नरेन्द्र गिरि (फाइल फोटो)

पंकज श्रीवास्तव

  • प्रयागराज,
  • 15 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:51 PM IST

महंत नरेन्द्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की जांच कर रही सीबीआई की एक टीम गुरुवार को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज पहुंची. महंत नरेन्द्र गिरि देश में साधु संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष थे. बीते साल महंत की मौत के बाद प्रयागराज के श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी में उनके कमरों को सील कर दिया गया था. सीबीआई ने गुरुवार को इन्हीं सील कमरों को खोलकर जांच की. उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही महंत नरेन्द्र गिरि की मौत का राज खुल सकता है.

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सीबीआई की टीम ने पुलिस और मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में सील किए हुए कमरे खोलने शुरू किए. बीते साल महंत की मौत के बाद प्रयागराज पुलिस ने मठ के दो कमरों को सील किया था. इसमें एक वह कमरा था जिसमें महंत नरेन्द्र गिरि का शव संदिग्ध हालत में फंदे से लटकता हुआ मिला था, जबकि दूसरा कमरा वो था जिसमें महंत नरेन्द्र गिरि रहते थे.

सीबीआई की टीम ने गुरुवार को पहली मंजिल के उस कमरे को खोला जिसमें महंत रहते थे. उस कमरे को सीबीआई ने नहीं खोला जिसमें महंत नरेन्द्र गिरी का शव फंदे से लटकता पाया गया था. ये कमरा केस प्रॉपर्टी है और मामले में अभी ट्रायल शुरू नहीं हुआ है, इसलिए इसे सिर्फ अदालत के आदेश से ही खोला जा सकता है.

मठ के मौजूदा महंत बलवीर गिरि ने कमरा खोले जाने को लेकर कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. अदालत के आदेश पर सीबीआई की टीम ने आज पुलिस व मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में कमरे को खोला. कमरे से मिलने वाले एक-एक सामान का रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है. इसके साथ ही वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी कराई जा रही है. मजिस्ट्रेट के आदेश की मौजूदगी में ही यह कमरा अब मठ के मौजूदा महंत बलवीर गिरि को सौंप दिया जाएगा.

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मठ में महंत नरेन्द्र गिरि का कमरा खोलने के लिए सीबीआई और पुलिस प्रशासन की टीम दोपहर करीब दो बजे पहुंची थी. इस दौरान मठ के सभी दरवाजों को अंदर से बंद कर लिया गया था. इस दौरान किसी को भी अंदर आने की इजाजत नहीं दी गई. मीडिया के लोगों को भी सिर्फ एक हिस्से तक सीमित रखा गया था और ऊपर की मंजिल किसी को नहीं जाने दिया गया.

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