यूपी मे टीईटी का पेपर लीक कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही भर्ती, सब इंस्पेक्टर, नलकूप ऑपरेटर से लेकर नीट परीक्षा के पेपर तक लीक हो चुके हैं. यूपी एसटीएफ, एसओजी समेत कई जिलों की पुलिस ने इन जैसे मामलों में गिरफ्तारियां भी की हैं.
बावजूद इसके अब तक उत्तर प्रदेश में पेपर लीक होने का सिलसिला रोका नहीं जा सका है. कभी परीक्षा केंद्र से पेपर लीक हो गया तो कभी परीक्षा शुरू होने से पहले ही पेपर सॉल्वर गैंग के पास पहुंच गया. तमाम सुरक्षा और सावधानी के बावजूद इस तरह के मामले यूपी में लगातार सामने आते रहे हैं. जिनमें से कुछ प्रमुख मामले ये हैं-
- अगस्त 2017: सब-इंस्पेक्टर का सीधी भर्ती का पेपर लीक
- फरवरी 2018: UPPCL भर्ती पेपर लीक
- अप्रैल 2018: यूपी पुलिस का पेपर लीक
- जुलाई 2018: अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड का पेपर लीक
- अगस्त 2018: स्वास्थ्य विभाग प्रोन्नत पेपर लीक
- सितंबर 2018: नलकूप आपरेटर भर्ती पेपर लीक
- 41520 सिपाही भर्ती पेपर लीक
- जुलाई 2020: 69000 शिक्षक भर्ती पेपर लीक
- अगस्त 2021: बीएड प्रवेश परीक्षा पेपर लीक
- अगस्त 2021: PET पेपर लीक
UP TGT पेपर लीक
NEET पेपर लीक
NDA पेपर लीक
SSC पेपर लीक
- अक्टूबर 2021: सहायता प्राप्त स्कूल शिक्षक/प्रधानाचार्य पेपर लीक
- नवंबर 2021: UPTET पेपर लीक
पेपर लीक के इन तमाम मामलों में 50 से अधिक गैंग सरगना भी पकड़े जा चुके हैं. 150 से अधिक सॉल्वर और गैंग से जुड़े लोग जेल भेजे गए हैं. प्रयागराज, कौशांबी, मथुरा, मेरठ, वाराणसी, लखनऊ, आगरा, नोएडा और शामली में पेपर लीक कराने वाले गैंग सबसे ज्यादा सक्रिय हैं. जहां पर सॉल्वरों की पूरी टोली किसी भी परीक्षा में बैठने के लिए तैयार रहती है. ऐसे में उत्तर प्रदेश में पेपर लीक में सेंधमारी एक कुटीर उद्योग की तरह पनप चुका है.
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यूपी के एडीजी (लॉ एंड आर्डर) प्रशांत कुमार का कहना है कि विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे नौजवान आसानी से सॉल्वर बनकर परीक्षा में बैठ रहे हैं. गैंग के निशाने पर वह कोचिंग और ऐसी कोचिंग में पढ़ने वाले होनहार बच्चे हमेशा रहे हैं, जो पैसे की किल्लत को दूर करने के लिए किसी दूसरे की जगह परीक्षा देने को तैयार हो जाते हैं. पेपर लीक कराने वाले सॉल्वर गैंग इसी का फायदा उठा रहे हैं.
एसटीएफ और जिले की पुलिस ऐसे लोगों पर लगातार कार्रवाई भी कर रही है. लेकिन अब जरूरत शासन स्तर पर एक व्यापक नीति बनाकर परीक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने की है.
संतोष शर्मा