हैदराबाद पुलिस ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जिसने दो साल से भी ज्यादा समय तक पुलिस-प्रशासन को अपनी फर्जी पहचान से चकमा देकर लोगों से लाखों रुपए ठग लिए. 39 साल का यह आरोपी खुद को कभी IAS, कभी IPS, तो कभी NIA अधिकारी बताकर एक हाई-प्रोफाइल ठग की तरह घूमता रहा. इतना नहीं लोगों को झांसे में रखने के लिए उसने दो निजी बॉडीगार्ड तक रखे हुए थे.
एक पुलिस आधिकारिक ने बताया कि यह व्यक्ति डिप्टी कमिश्नर, माइंस के तौर पर खुद को IAS अफसर बताता था. अलग-अलग मौकों पर IPS या NIA अधिकारी बनकर भी लोगों से संपर्क करता था. उसका नेटवर्क ऐसा था कि कई लोगों को वह बिना किसी संदेह के सरकारी रुतबा दिखाकर बेवकूफ बना देता था. उसकी ठगी का सबसे बड़ा शिकार एक जिम का मैनेजिंग डायरेक्टर बन गया.
आरोपी ने उसे झांसा देकर इंडस्ट्रियल लैंड अलॉटमेंट और ऑफिशियल फायदे दिलाने की बात कही, जिसके नाम पर 10 लाख 50 हजार 665 रुपए ले लिए. आरोपी ने नकली IAS, IPS और NIA पहचान पत्र तैयार किए थे. उसके पास जाली विजिटिंग कार्ड और फर्जी डॉक्यूमेंट थे, जिन्हें वह लोगों के सामने इस तरह पेश करता कि कोई भी उसका असली चेहरा पहचान नहीं पाता.
उसने एक प्राइवेट गाड़ी पर पुलिस सायरन लगाया हुआ था. इसके साथ ही ऑफिशियल बातचीत की नकल दिखाने के लिए वॉकी-टॉकी का इस्तेमाल करता था. इतना ही नहीं उसने पीड़ितों को एक नकली इंडस्ट्रियल लैंड अलॉटमेंट लेटर भी दिखाया, जिससे लोग उसकी बातों पर पूरा भरोसा कर बैठते थे. उस पर धोखाधड़ी, जालसाजी, धमकी और जबरन वसूली समेत कई गंभीर आरोप हैं.
जिम मालिक से 10 लाख से ज्यादा की रकम हड़पने के बाद वह फरार हो गया था. लेकिन पक्की सूचना पर फिल्म नगर पुलिस ने एक विशेष ऑपरेशन चलाते हुए उसे उसके टेम्पररी घर से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि आरोपी के दो और साथी हैं, जो उसके निजी बॉडीगार्ड के तौर पर काम करते थे. दोनों अभी भी फरार हैं. उनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है.
पुलिस का कहना है कि जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा. अधिकारी यह मानकर चल रहे हैं कि इस पूरे रैकेट में और भी लोग शामिल हो सकते हैं. आरोपी की गिरफ्तारी के साथ अब पुलिस उसके बैंक ट्रेल, डिजिटल लेनदेन, फर्जी दस्तावेजों के स्रोत और हथियार खरीद नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है. इस 'फर्जी अफसर' गेम का पर्दाफाश शहर में चर्चा का बड़ा विषय बन गया है.
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