गाजा में हमास और इजरायल के बीच पिछले आठ महीने से जंग जारी है. इस दौरान इजरायली सेना ने लगातार हवाई और जमीनी हमले कर रही है. लेकिन पांच महीनों के बाद रविवार को हमास ने इजरायल की राजधानी तेल अवीव में रॉकेट से हमला किया है. गाजा से आ रही मिसाइलों की बौछार को देखकर तेल अवीव में हाहाकार मच गया. हवाई हमले के सायरन बजने लगे. लोग सुरक्षित जगहों पर भागते हुए नजर आए.
जानकारी के मुताबिक, जनवरी के बाद से गाजा की ओर से हमास ने कोई बड़ा हवाई हमला नहीं किया था. लेकिन सीजफायर की खत्म होती उम्मीदों और आईसीजे यानी इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के जंग रोकने के आदेश के बाद हमास का हवाई हमला हैरान कर देने वाला है. हालांकि, लंबी दूरी के रॉकेट के इस हमलों में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. आईडीएफ ने ज्यादातर मिसाइल को हवा में ही नष्ट कर दिया.
इजरायल डिफेंस फोर्सेस ने बताया कि गाजा के रफाह से मध्य इजरायल की ओर रॉकट अटैक किया गया था. इनमें से कई रॉकेट्स को आईडीएफ ने हवा में ही मार गिराया. रविवार सुबह से केरेम शालोम क्रॉसिंग के जरिए गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाई जा रही है, लेकिन हमास रॉकेट दागे जा रहा है. हमास की तरफ से कहा गया कि उसने अपने नागरिकों के खिलाफ जायोनी नरसंहार के जवाब में तेल अवीव पर बड़ा मिसाइल हमला किया है.
गाजा पट्टी में बंधकों के शव मिलने पर भड़के इजरायली
इजरायल में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ विरोध लगातार जारी है. शनिवार को भी हजारों की तादाद में लोग बंधकों की रिहाई की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे, लेकिन इस बीच उनकी पुलिस से जमकर झड़प हो गई. पुलिस ने भीड़ पर काबू पाने के लिए वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया. दरअसल इसी हफ्ते तीन इज़रायली बंधकों के शव गाज़ा में बरामद किया गया था, जिसके बाद से प्रदर्शनकारियों का गुस्सा और भड़क गया है.
रूढ़िवादी यहूदियों के खिलाफ इजरायल की कार्रवाई
वहीं दूसरी तरफ लेबनान की सीमा से सटे इजरायल के माउंट मेरॉन में पुलिस ने रूढ़िवादी यहूदियों के खिलाफ भी कार्रवाई की है. इस दौरान दोनों के बीच जमकर हिंसक झड़प भी हुई जिसका वीडियो पुलिस ने जारी किया. आरोप लगाया कि रूढ़िवादी यहूदी उन पर पत्थर फेंक रहे थे. पुलिस ने ये कार्रवाई पवित्र त्योहार लैग बामाओमर त्योहार से ठीक पहले की है, जहां हज़ारों लोग इक्ट्ठा होने वाले थे. माउंट मेरॉन लेबनान की सीमा से 10 किमी दूरी पर है.
आईसीजे के आदेश के बाद भी गाजा में हमले जारी
बताते चलें कि नीदरलैंड के द हेग में मौजूद अंतरराष्ट्रीय कोर्ट से इजरायल को तगड़ा झटका लगा है. आईसीजे यानी इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने इजरायल को गाजा के रफाह में चलाए जा रहे सैन्य अभियान को रोकने का आदेश दिया है. संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत ने दक्षिण अफ्रीका की याचिका पर ये फ़ैसला सुनाया है. इसके बावजूद इजरायली सेना गाजा में हमले जारी रखे हुए है. उत्तर से दक्षिण तक गाजा में आईडीएफ लगातार हवाई हमले कर रही है.
गाजा पट्टी के जबालिया से तीन बंधकों के शव मिले
कुछ दिन पहले ही गाजा पट्टी के जबालिया से कई बंधकों के शव मिले हैं. इजरायली सेना का कहना है कि तीनों शव हमास के एक सुरंग से मिले, जिन लोगों के शव मिले हैं, उनकी पहच हनान याब्लोंका, मिशेल निसेनबाम और ओरियन हर्नांडेज़ के रूप में हुई है. गाजा से बीते हफ्ते भी तीन इजरायली बंधकों के शव मिले थे. पिछले साल 7 अक्टबूर को फिलिस्तीन के हथियारबंद संगठन हमास ने इजरायल पर हमला कर 1200 लोग को मार डाला था.
इजरायल में हत्या के बाद गाजा पट्टी ले गए थे शव
आईडीएफ प्रवक्ता डेनियल हगारी ने कहा था, ''भारी मन से मैं यह साझा कर रहा हूं कि शुक्रवार की रात गाजा में इजरायली विशेष बलों ने हमारे बंधकों हनान याब्लोंका, मिशेल निसेनबाम, ओरियन हर्नांडेज़ के शव बरामद किए हैं. सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर एक विशेष अभियान के दौरान उनके शव मिले हैं. हनान नोवा म्यूजिक फेस्टिवल में अपने दोस्तों के साथ पार्टी कर रहा था. हमास के आतंकी हत्या करके उसका शव गाजा ले गए थे.''
आईसीजे का आदेश, गाजा में जंग बंद करे इजरायल
इससे पहले आईसीजे ने कहा था कि इजरायल को रफाह में चलाए जा रहे सैन्य अभियान को तुरंत रोक देना चाहिए. इससे फिलिस्तीनियों को खतरा है. आईसीजे ने इजरायल को फैसले पर उठाए जाने वाले कदमों को लेकर एक महीने के अंदर रिपोर्ट देने के लिए भी कहा था. पीठासीन न्यायाधीश नवाफ सलाम ने कहा था, ''कोर्ट का मानना है कि नरसंहार कन्वेंशन के तहत इजराइल को गाजा के रफाह में तुरंत अपने सैन्य अभियान को रोक देना चाहिए.''
रफाह में 10 लाख फिलिस्तीनियों ने ले रखी है शरण
दरअसल हाल के दिनों में इजरायल ने रफाह में सैन्य अभियान को तेज किया है. इजरायल का दावा है कि मिस्र और गाजा के सीमा पर मौजूद रफाह में हमास के कई ब्रिगेड सक्रिए हैं जिसे खत्म करना जरूरी हैं. वहीं अमेरिका समेत कई मानवीय संगठन इस बात की आशंका जता चुके हैं कि रफाह में चलाए जा रहे सैन्य अभियान से हज़ारों फिलिस्तीनियों की जान जा सकती है.. फिलहाल रफाह में 10 लाख से ज्यादा फिलिस्तीनियों ने शरण ले रखी हैं.
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