Omicron के नाम पर लोगों से हो रही ठगी, गृह मंत्रालय ने किया सावधान

ओमिक्रॉन के बहाने ठगी के इस नए ट्रेंड के बारे में आगाह करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ( ministry of Home Affairs) ने लोगों को चेताया है.

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

राम किंकर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 06 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 11:37 PM IST
  • ओमिक्रॉन के नाम पर लोगों से हो रही है ठगी
  • गृह मंत्रालय ने लोगों को फर्जीवाड़े से किया सावधान

दिल्ली में कोरोना की पांचवीं लहर की आशंका जताई जा रही है. हर तरफ omicron का ही शोर है, जिसका फायदा अब कुछ ठग उठा रहे हैं. यही वजह है की लोगों को omicron टेस्ट के लिए फर्जी मेल कर ठगा जा रहा है.  

ऑमिक्रॉन के बहाने ठगी के इस नए ट्रेंड के बारे में आगाह करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ( ministry of Home Affairs) ने लोगों को चेताया है. 

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MHA की तरफ से भेजी एडवाइजरी के मुताबिक ठग RT-PCR और कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की फ्री जांच कराने के लिए सरकारी या फिर प्राइवेट अस्पतालों जैसे जाली मेल भेज रहे हैं. मैसेज और ईमेल के साथ भेजे जा रहे लिंक पर क्लिक करते ही ठग आपको शिकार बना लेते हैं.

दिल्ली के देश बंधु गुप्ता रोड थाना इलाके में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, करोलबाग में रहने वाले पंकज जिंदल के पास 20 दिसंबर को अनजान नंबर से फोन आया और उसने खुद को पीएमओ ऑफिस का बताया. फोन करने वाले ने कहा कि नया वैरिएंट ओमिक्रॉन तेजी से बढ़ रहा है इसलिए सरकार ने बूस्टर डोज देने का फैसला लिया है.

रजिस्ट्रेशन के लिए व्हाट्सऐप पर उन्हें लिंक भेजा गया, जिसपर क्लिक करने पर मोबाइल पर ओटीपी आया. इसे फोन करने वाले के साथ शेयर करते ही पीड़ित के परिवार से जुड़े सभी लोगों को गूगल पे, पेटीएम और फोनपे के जरिए पैसे मांगे गए.

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पैसे मांगे जाने पर पंकज के भाई ने 50,000 रुपये भेज दिया जो ठगों के पास पहुंच गया. इस मामले में साइबर सेल ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के Intelligence Fusion and Strategic operations (IFSO) के डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि ज्यादातर शिकायतकर्ताओं को ओमिक्रॉन के वैक्सीनेशन या टेस्ट के लिए कॉल या मैसेज आया.

अधिकारी ने बताया, 'लिंक पर क्लिक करते ही ठगों ने ऐसे लोगों के अकाउंट से पैसे निकाल लिए. कोरोना काल में दुखी किसी शख्स को फोन मैसेज या कॉल आने पर उसे लगता है कि कोई सरकारी आदमी फोन कर रहा है यही वजह है कि लोग अपनी निजी जानकारी शेयर कर देते हैं.'

केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि सावधानी ही बचने का एकमात्र तरीका है. cowin ऐप के अलावा, कोई भी सरकारी कर्मचारी कभी भी आपसे ओटीपी या लिंक नहीं मांगता है. 

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