मुंबई पुलिस ने रविवार को इस बात की पुष्टि की कि एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या एक कॉन्ट्रैक्ट किलिंग की घटना थी. इस बीच लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने हत्या की जिम्मेदारी ले ली है, हालांकि पुलिस लॉरेंस बिश्नोई गिरोह की संभावित संलिप्तता की जांच कर रही है. गिरफ्तार आरोपियों ने भी कथित तौर पर दावा किया है कि वे लॉरेंस ग्रुप से जुड़े हैं.
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उनकी टीमें हत्या के पीछे के मास्टरमाइंड का पता लगा रही हैं. इस बीच मुंबई क्राइम ब्रांच की 15 टीमें चार राज्यों में भेजी गईं है. पुलिस के सामने अब हैंडलर चक पहुंचने की चुनौती है. इस केस के तार महाराष्ट्र, यूपी, दिल्ली, गुजरात और हरियाणा से जुड़ रहे हैं.
आरोपियों को एडवांस में दिए गए 50 हजार
आरोपियों की पहचान हरियाणा के रहने वाले गुरमैल बलजीत सिंह (23 वर्ष), यूपी के रहने वाले धर्मराज कश्यप (19 साल) और यूपी के ही रहने वाले शिव कुमार के रूप में हुई है जो अभी तक पुलिस की पहुंच से बाहर है. इस बीच मुंबई क्राइम ब्रांच की 15 टीमें अलग-अलग राज्यों में भेजी गईं है.
जांच में यह भी पाया गया है कि हत्या की योजना पहले से तैयार की गई थी और आरोपियों को पहले ही पैसे पहुंचा दिए गए थे. हर शूटर को खर्च के लिए 50,000 रुपये दिए गए थे. हैंडलर की पहचान अभी नहीं हो पाई है. तीनों आरोपी 25 से 30 दिनों से कुर्ला में किराए के मकान में रह रहे थे. कुछ दिन पहले ही आरोपियों के पास हथियार पहुंचा दिए गए थे.
आरोपी शिव कुमार स्क्रैप व्यापारी के यहां करता है काम
तीसरे आरोपी शिव कुमार के बारे में पुलिस सूत्रों का दावा है कि वह 5-6 सालों से पुणे में एक स्क्रैप व्यापारी के यहां काम करता था. शिवा ने कुछ महीनों पहले धर्मराज को भी पुणे काम के लिए बुलाया था. सुपारी देने वाले व्यक्ति ने शिवा और धर्मराज से गुरमैल की मुलाकात करायी थी. गुरमैल पर हत्या का एक मामला भी दर्ज है. बाकी दोनों आरोपियों का फिलहाल कोई अपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला है , पुलिस पता लगाने में जुटी है.
सौरभ वक्तानिया