मूवमेंट, पोजिशन और बॉडी बैलेंस... पेशेवर था अतीक-अशरफ के कातिलों का अंदाज, हैरान कर देगा ये खुलासा

फायरिंग के एक्सपर्ट्स ये मानते हैं कि इस तरह से कोई शूटर तभी गोलियां चला सकता है, जब उन्होंने ऐसे काम के लिए लंबी तैयारी की हों और प्रैक्टिस के तौर पर सैकडों राउंड गोलियां चलाई हों और ये सबकुछ बगैर ट्रेनिंग के मुमकिन नहीं है.

Advertisement
लवलेश, सनी और अरूण के खिलाफ पहले मामले दर्ज हैं लवलेश, सनी और अरूण के खिलाफ पहले मामले दर्ज हैं

संतोष शर्मा / अभिषेक मिश्रा / सिमर चावला / अरविंद ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 20 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 6:57 PM IST

माफिया डॉन अतीक और उसके भाई अशरफ का लाइव मर्डर पूरे देश ने देखा. सबने देखा कि कैसे चंद सेकंड्स में तीन कातिलों ने देखते ही देखते दोनों माफिया भाइयों को गोलियों से छलनी कर दिया. इस हमले में शामिल तीनों शूटर्स पूरी तैयारी के साथ आए थे. अब इस हत्याकांड की उन्हीं तस्वीरों को देखकर पुराने पुलिस ऑफिसर्स और शूटिंग के एक्सपर्ट्स ने जो खुलासा किया है, वो चौंकानेवाला है.

Advertisement

फायरिंग के एक्सपर्ट्स की राय

शूटर्स की मूवमेंट, शूटर्स की पोजिशन, बॉडी बैलेंस, जिस्म के अहम हिस्सों को निशाना बनाना, फायरिंग पैटर्न और एक शूटर का लेफ्ट हैंड शूटिंग यानी बायें हाथ से फायरिंग करना अपने-आप में काफी कुछ कहता है. पुलिस की नौकरी में रहते हुए बेशुमार फायरिंग करने वाले और शूटिंग को ही खेल और पेशे के तौर पर अपनानेवाले कुछ एक्सपर्ट्स ये मानते हैं कि इस तरह से कोई शूटर तभी गोलियां चला सकता है, जब उन्होंने ऐसे काम के लिए लंबी तैयारी की हों और प्रैक्टिस के तौर पर सैकडों राउंड गोलियां चलाई हों और ये सबकुछ बगैर ट्रेनिंग के मुमकिन नहीं है. इस दोहरे हत्याकांड की तस्वीरों के देखने बाद अब ये समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर फायरिंग के एक्सपर्ट्स के ऐसा करने के पीछे की वजह क्या है?

Advertisement

शूटर्स की मूवमेंट

अतीक और अशरफ पर हमला करनेवाले तीन लड़के यानी लवलेश तिवारी, सन्नी सिंह और अरुण मौर्य को ये पता था कि उनके दोनों टारगेट पुलिसवालों से घिरे हैं और यहां तक कि पुलिसवालों के भी खतरनाक हथियार मौजूद हैं. इसके बावजूद जिस तरह से घात लगा कर उन्होंने अचानक इस वारदात को अंजाम दिया, उसे देख कर लगता है कि उन्होंने ना सिर्फ हमला करने से पहले पूरी और लंबी तैयारी की, बल्कि मानसिक तौर पर भी खुद को काफी मजबूत किया होगा.

शूटर्स की पोजिशन

वारदात को अंजाम देने के दौरान शूटर्स की पोजिशन भी काफी अहमियत रखती है और जिस तरह तीनों हमलावरों ने मौका-ए-वारदात पर अपनी पोजिशन ली और तीन तरफ से घेर कर दोनों भाइयों को निशाना बनाया, वो भी उनकी तैयारी की तरफ इशारा करता है. खास बात ये रही कि कोई क्रॉस फायरिंग ना हो और गोली टारगेट के अलावा किसी दूसरे को ना लगे, शूटर्स ने इस बात का भी पूरा ख्याल रखा.

बॉडी बैलेंस

वारदात की तस्वीरों से साफ है कि शूटर्स लगातार एक हाथ से गोली चला रहे थे. ऐसा आम तौर पर तभी होता है, जब उन्हें शूटिंग का अच्छा-खासा तजुर्बा हो. वरना फायरिंग के झटके से निशाना चूकने का खतरा रहता है और इसीलिए अक्सर शूटर्स को दोनों हाथों का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है. लेकिन लगातार एक हाथ से गोली चलाना उनके प्रोफेशनल होने का सबूत है. फिर शूटिंग के दौरान उनके सिर का बिल्कुल अपने कंधे के सीध में होना, बाहों का बिल्कुल लंबा होना और कमर का झुका होना भी इस बात की तरफ इशारा करता है कि उन्होंने शूटिंग के लिए किसी एक्सपर्ट से ट्रेनिंग जरूर ली होगी या फिर उसे फॉलो किया होगा.

Advertisement

जिस्म के अहम हिस्सों पर निशाना

शूटर्स ने ना सिर्फ बिल्कुल प्वाइंट ब्लैंक रेज से अपने टार्गेट यानी अतीक और अशरफ को हिट किया, बल्कि इस दौरान उन्होंने बगैर देर किए दोनों के वाइटल बॉडी पार्ट्स को निशाना बनाया, ताकि दोनों के बचने की कोई गुंजाइश ही ना रहे. एक शूटर ने जहां अतीक के सिर पर पिस्टल सटा कर गोली चलाई, वहीं दूसरे शूटर ने अशरफ को ऐसी जगह पर हिट किया, जिससे गोली बिल्कुल उसके दिल और गर्दन में लगी. और इन तीनों से किसी एक जगह पर लगनेवाली गोली भी आसानी से किसी की मौत की वजह बन सकती है. जाहिर है शूटर्स को इसकी भी अच्छी समझ थी.

फायरिंग पैटर्न

एक्सपर्ट्स की मानें तो इन शूटर्स का फायरिंग पैटर्न भी बिल्कुल पेशेवर था. उन्होंने अपने टार्गेट यानी अतीक और अशरफ के नीचे जमीन पर गिर जाने के बावजूद तब तक फायरिंग की, जब तक वो इस बात से कनविंस नहीं हो गए कि अब उनके बचने की कोई गुंजाइश नहीं है. और इसके लिए उन्होंने महज 18 से 20 सेकंड का वक्त लिया, जो अपने-आप में शूटर्स के काफी एक्सपर्ट होने की तरफ इशारा करता है.

लेफ्ट हैंड शूटिंग

तीनों की क्रिमिनल हिस्ट्री बताती है कि इस वारदात को अंजाम देने से पहले भी तीनों का जुर्म की दुनिया से पुराना वास्ता रहा है. लेकिन इनमें एक मोहित उर्फ सन्नी को छोड दें और कोई हिस्ट्रीशीटर नहीं है. यानी उन पर बहुत ज्यादा मुकदमे दर्ज नहीं हैं. लेकिन वारदात की तस्वीरें बताती हैं कि एक हिस्ट्रीशीटर होने के अपने ट्रैक रिकॉर्ड के मुताबिक ही सन्नी ने ना सिर्फ दायें बल्कि बायें हाथ से भी गोली चलाई. जो अपने-आप में अनोखी बात है

Advertisement

तीनों हमलावरों के पीछे मास्टरमाइंड कौन?

जाहिर है पुलिस को इस बात का शक पहले दिन से है कि इस वारदात के पीछे सिर्फ इन तीनों का नहीं, बल्कि किसी और हैंडलर या मास्टरमाइंड का भी हाथ है. शूटिंग के तौर तरीके से अलावा पूरी वारदात को अंजाम देने के उनके अंदाज और उनके पास मौजूद अस्लहों से भी इस बात का इशारा मिलता है. ऐसे में पुलिस को इन सारी कड़ियों को जोड़ कर इसकी साजिश का खुलासा करना है.

लवलेश के खिलाफ पहले से दर्ज हैं 4 मामले

इस बीच तफ्तीश में तीनों शूटर्स को लेकर तरह-तरह की जानकारियां सामने आ रही हैं. बांदा के रहनेवाले शूटर लवलेश तिवारी के बारे में पता चला है कि इससे पहले उस पर छेडछाड, फायरिंग, मारपीट समेत कुछ गुनाहों के चार मुकदमे दर्ज रहे हैं और उसकी आदतों की वजह से घरवाले उससे दूरी बनाते रहे हैं. घरवाले बताते हैं कि इस वारदात से करीब 15 दिन पहले से वो नौकरी की तलाश कर रहा था. इसके लिए उसने मोहल्ले के ही एक जूते की दुकान के मालिक से बात भी की थी. 

एक सप्ताह तक कहां था लवलेश तिवारी?

लेकिन काम ना मिलने पर वो करीब हफ्ते भर पहले काम की तलाश में घर से निकल गया और अचानक ही घरवालों के साथ-साथ मोहल्ले के तमाम लोगों ने उसे टीवी पर अतीक और अशरफ पर गोलियां चलाते हुए देखा. जाहिर है लवलेश इतने दिनों तक कहां रहा, इससे पहले वो किस-किस के संपर्क में रहा, कैसे उसने अपने बाकी साथियों के साथ मिलकर पूरी प्लानिंग की, इन सारे सवालों का जवाब सामने आना अभी बाकी है.

Advertisement

कातिलों से सच उगलवाना चाहती है पुलिस

पुलिस अतीक और अशरफ के कत्ल के मामले में तीनों शूटर्स से साजिश का पूरा सच उगलवना चाहती है. कुछ इसी इरादे से पुलिस ने तीनों लड़कों लवलेश तिवारी, सन्नी सिंह और अरुण मौर्य को पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है. अतीक और अशरफ के कत्ल को लेकर पुलिस के पास कई सवाल हैं. जिनके जवाब जानने के लिए पुलिस ने तीनों आरोपियों को रिमांड पर लिया गया है. दरअसल, पुलिस जानना चाहती है कि- 

- तीनों शूटर्स के पास मोबाइल फोन क्यों नहीं थे?
- बिना फोन के तीनों शूटर्स आपस में संपर्क कैसे करते थे 
- दो विदेशी पिस्टल थी,मगर फोन एक भी नहीं ऐसा क्यों ?
- जिगाना पिस्टल शूटर्स के पास आई कहां से?
- कैसे मालूम चला कि अतीक और अशरफ को लाया जा रहा है ?
- क्या शूटर्स के साथ चौथा शख्स भी था?
- क्या वो चौथा शख्स शूटर्स का हैंडलर था?
- क्या हैंडलर का इशारा मिलते ही उन्होंने अतीक और अशरफ को मौत के घाट उतार दिया?

चूंकि इस वारदात के कई पहलू ऐसे हैं, जिन पर गौर करने के बाद ये लगता है कि शूटर्स के साथ इस मामले में उनके हैंडलर या मददगार भी जरूर शामिल होंगे. और अगर वो मौका-ए-वारदात या उसके आस-पास आया हो, उसकी तस्वीरें भी किसी ना किसी कैमरे में कैद हुई होंगी. पुलिस ने इस पहलू को खंगालने के लिए अब मौका-ए-वारदात के आसपास लगे करीब 40 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगालना शुरू कर दिया है. 

Advertisement

कौशांबी में दिखाई दी शाइस्ता!

उधर, पुलिस बाकी मुल्जिमों का भी लगातार पीछा कर रही है. इसी बीच अतीक की बीवी शाइस्ता परवीन की एक सीसीटीवी फुटेज सामने आई है, जो पुलिस को प्रयागराज के करीब कौशांबी जिले के कछार इलाके से मिली है. इस फुटेज में शाइस्ता रात के वक्त साबिर समेत आठ दस लोगों के साथ कहीं जाती हुई दिखाई दे रही है. तस्वीरों से साफ है कि शाइस्ता के साथ पांच छह बुर्कानशीं महिलाएं भी चल रही हैं, जबकि उमेशपाल के शूटआउट में शामिल रहा साबिर भी उसके साथ है. ऐसे में पुलिस के लिए अब शाइस्ता, साबिर उनके इन मददगारों तक पहुंचने की चुनौती है. 

पुलिस सूत्रों की मानें तो अतीक की बीवी लगातार ना सिर्फ अपनी लोकेशन, बल्कि अपने मोबाइल फोन का सिम कार्ड और यहां तक कि हैंडसेट भी बदल रही है. ताकि पुलिस के लिए उसे लोकेट करना पाना मुमकिन ना हो.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement