बच्चों-किशोरों पर 96% तक प्रभावी रही चीन की वैक्सीन CoronaVac, हल्के साइडइफैक्ट

चीन की कोरोना वैक्सीन CoronaVac से जुड़ी नई रिसर्च सामने आई है. इसमें कहा गया है कि यह बच्चों, किशोरों पर प्रभावी है.

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तीसरी लहर में बच्चों को कोरोना से ज्यादा खतरे की आशंका तीसरी लहर में बच्चों को कोरोना से ज्यादा खतरे की आशंका

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 जून 2021,
  • अपडेटेड 2:08 PM IST
  • चीन की कोरोना वैक्सीन CoronaVac से जुड़ी नई रिसर्च सामने
  • रिसर्च में चीन की वैक्सीन CoronaVac को बच्चों पर प्रभावी बताया गया

कोविड की तीसरी लहर से पहले चीन की कोरोना वैक्सीन CoronaVac से जुड़ी स्टडी में कुछ संतोषजनक नतीजे देखने को मिले है. CoronaVac जिसका अभी ट्रायल चल रहा है, उसके नतीजे बताते हैं कि यह बच्चों पर प्रभावी है. लैंसेट संक्रामक रोग पत्रिका की रिपोर्ट के मुताबिक, 3-17 साल के बच्चों पर इसका असर देखा गया. पाया गया कि टीका पाने वालों में से 96 फीसदी बच्चों में कोविड से लड़ने वाली एंटीबॉडीज बनीं.

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ऐसी आशंका है कि कोविड की तीसरी लहर का बच्चों पर होगा. ऐसे में बच्चों के लिए वैक्सीन बनाना बेहद जरूरी भी है. फाइजर​-बायोएनटेक, मॉडर्ना की कोविड वैक्सीन को पहले ही बच्चों पर प्रभावी माना जा चुका है.

कुल 550 बच्चों पर हुआ ट्रायल

मिली जानकारी के मुताबिक, कुल 550 युवाओं पर CoronaVac वैक्सीन का ट्रायल किया गया था. बच्चे और किशोर जिनको CoronaVac वैक्सीन की दोनों खुराक लग गईं उनमें से 96 फीसदी के अंदर कोविड एंटीबॉडीज मिलीं.

CoronaVac वैक्सीन का कोई गंभीर साइड इफेक्ट भी देखने को नहीं मिला है. बस किसी-किसी को इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द की शिकायत हुई. अन्य रिक्शन भी हल्के या मध्यम थे. लैंसेट के मुताबिक, यह इसका पहला क्लीनिकल ट्रायल था. जो कि अक्टूबर-दिसंबर 2020 के बीच में हुआ था. CoronaVac वैक्सीन की कुल दो खुराक दी जाती हैं. ट्रायल में मात्रा को 1.5 और 3 माइक्रोग्राम रखकर टेस्ट किया गया गया था.

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पहले चरण में 1.5 माइक्रोग्राम वैक्सीन डोज लेने वाले सभी प्रतिभागियों में कोविड एंटीबॉडी बनीं. वहीं 3 माइक्रोग्राम वैक्सीन डोज लेने वाले सभी प्रतिभागी में भी कोविड एंटीबॉडी बनी. फिर दूसरे चरण में 1.5 माइक्रोग्राम वैक्सीन डोज लेने वाले 97 फीसदी और 3 माइक्रोग्राम वैक्सीन डोज लेने वाले 100 फीसदी लोगों में कोविड एंटीबॉडी बनीं. जानकारी मिली है कि अभी इसके आगे भी ट्रायल होंगे, जिसमें इसे बड़े समूह पर टेस्ट करके देखा जाएगा.

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