SIP या शेयर बाजार? सही में पैसा कमाना है... तो जानिए नए निवेशक के लिए क्या बेहतर विकल्प?

Best Wealth Creation Formula: वेल्थ क्रिएशन के लिए शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड दो रास्ते हैं, और दोनों रास्ते एक ही मंज़िल तक ले जाते हैं. लेकिन तरीका और रिस्क दोनों अलग हैं.

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नए निवेशक के लिए SIP या शेयर बाजार बेहतर? (Photo: AI Generated) नए निवेशक के लिए SIP या शेयर बाजार बेहतर? (Photo: AI Generated)

अमित कुमार दुबे

  • नई दिल्ली,
  • 13 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:59 AM IST

आज के दौर में बहुत ऐसे लोग मिल जाते हैं, जो सलाह देते हैं कि थोड़ा-थोड़ा पैसा बचाकर शेयर बाजार में लगाया करो. कुछ लोग सलाह देते हैं कि SIP क्यों नहीं करते, यानी म्यूचुअल फंड में पैसे लगाने की बात. अब यहीं से एक नए निवेशक के लिए कंफ्यूजन शुरू होता है. उसके दिमाग में सवाल घूमने लगता है, 'मुझे सीधे शेयर बाजार में निवेश करना चाहिए या म्यूचुअल फंड में SIP शुरू करूं?'

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अगर आप भी शेयर बाजार (Stock Market) या म्यूचुअल फंड (Mutual) में निवेश के बारे में सोच रहे हैं तो जान लीजिए आपको किधर निवेश का पहला कदम रखना चाहिए. एक उदाहरण से समझाने की कोशिश करते हैं, 'जब आप पहली बार बाइक सीखने के लिए निकलते हैं तो क्या सोचते हैं, सीधे हाईवे पर चलाऊं या फिर पहले अपने आसपास की गलियों में प्रैक्ट्रिस कर लूं.' वैसे तो नए चालक के दोनों जगहों पर खतरा है, लेकिन हाईवे पर ज्यादा खतरा हो सकता है, गली के मुकाबले. ठीक इसी तरह वेल्थ क्रिएशन को लेकर भी रिस्क है.

सच यह है कि वेल्थ क्रिएशन के लिए शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड दो रास्ते हैं, और दोनों रास्ते एक ही मंज़िल तक ले जाते हैं. लेकिन तरीका और रिस्क दोनों अलग हैं. आप ये कह सकते हैं कि शेयर बाजार हाईवे है, जहां बाइक सीखना थोड़ा ज्यादा जोखिम भरा होता है.

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शेयर बाजार में क्यों ज्यादा रिस्क?

क्योंकि शेयर बाजार यानी डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट में आप किसी कंपनी के शेयर खुद खरीदते हैं. उदाहरण के लिए आपको लगता है कि टाटा मोटर्स कंपनी सही है, ग्रो कर रही है, फिर आप सीधे इसके शेयर खरीद सकते हैं. लेकिन केवल शेयर खरीदने से मुनाफा नहीं हो जाता, जब शेयर के भाव बढ़ेंगे, तभी कमाई मुमकिन है, और शेयर की कीमत तभी बढ़ेगी जब कंपनी का बिजनेस बढ़ेगा.

यानी शेयर में निवेश के लिए कंपनी का कारोबार, बैलेंस शीट और सेक्टर ट्रेंड्स की समझ होनी जरूरी है. अगर आप सही कंपनी में निवेश करेंगे तो शानदार रिटर्न निकाल सकते हैं. लेकिन गलत कंपनी पर दांव लगाने से नुकसान उठाना पड़ जाता है, निवेश की राशि भी डूब सकती है. यानी शेयर बाजार हाईवे की तरह है, तेज चलेंगे तो जल्दी पहुंचेंगे, लेकिन एक्सीडेंट का खतरा ज्यादा रहता है. 

म्यूचुअल फंड, यानी SIP से शुरुआत... सुरक्षित सफर

अब SIP यानी Systematic Investment Plan की बात करते हैं, यह म्यूचुअल फंड के जरिए शेयर बाजार में निवेश करने का तरीका है, जहां आपका पैसा हर महीने एक निश्चित राशि के रूप में लगाया जाता है. आपको रिसर्च की जरूरत नहीं, फंड मैनेजर यह काम करते हैं. जो अपने काम में माहिर यानी एक्सपर्ट होते हैं. उदाहरण के लिए मान लीजिए, आप हर महीने 2000 रुपये SIP में डालते हैं, 15 साल के बाद 12% औसत रिटर्न के हिसाब से यह रकम करीब 10 लाख रुपये तक पहुंच सकती है.

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SIP का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह डिसिप्लिन सिखाता है, जहां आप हर महीने छोटी-छोटी राशि निवेश करते हैं, इससे निवेश की आदत लगती है, साथ ही रुपये की लागत औसत (Rupee Cost Averaging) की वजह से बाजार की गिरावट में भी आपको फायदा होता है, क्योंकि उसी पैसे से ज्यादा यूनिट्स मिलती हैं. 

नए निवेशक को ये सलाह 

अब तक आप समझ गए होंगे, कि एक नए निवेशक के लिए कौन-सा सही विकल्प है? अगर आप भ नए हैं, और निवेश के बारे में सोच रहे हैं तो सीधे शेयर बाजार में कूदने से बचिए, पहले SIP से शुरुआत करें. क्योंकि SIP से आप धीरे-धीरे बाजार की चाल को समझेंगे, रिस्क झेलना सीखेंगे और फिर कुछ साल के बाद सीधे इक्विटी मार्केट में पैसे लगा सकते हैं. एक्सपर्ट्स हमेशा सलाह देते हैं कि शेयर बाजार की बारीकियों को पहले सीखें, फिर  निवेश करें, और सीखने का पहला कदम SIP है.

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