सोने की कीमत (Gold Rate) में ताबड़तोड़ तेजी का सिलसिला जारी है और धनतेरस पहले हर रोज ये रिकॉर्ड तोड़ते हुए नए हाई लेवल पर पहुंचता जा रहा है. इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड प्राइस 4,300 डॉलर प्रति औंस के पार निकल गया. ये बीते पांच साल में सोने की सबसे बड़ी साप्ताहिक बढ़त रही. एक ओर जहां गोल्ड में निवेश करने वाले इन्वेस्टर जश्न मना रहे हैं, तो एक्सपर्ट इसे लेकर बड़ी चेतावनी दे रहे हैं. उन्होंने अलर्ट करते हुए कहा है कि, 'सोने में अत्यधिक निवेश उल्टा भी पड़ सकता है, खासतौर पर तब जबकि आप सिर्फ और सिर्फ इसी में निवेश कर रहे हैं.'
देश-विदेश में Gold नए शिखर पर
सबसे पहले बताते हैं सोने की कीमतों के बारे में, तो इस Dhanteras को सोना पहले से कहीं ज्यादा चमक रहा है. इसकी कीमत में ताबड़तोड़ इजाफे से सोना निवेशक भी लुत्फ उठा रहे हैं. शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड प्राइस 4,300 डॉलर प्रति औंस का स्तर पार करके हाई पर पहुंच गया. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोने का भाव (MCX Gold Rate) खबर लिखे जाने तक 2113 रुपये के उछाल के साथ 1,33,210 रुपये पर ट्रेड कर रहा था.
घरेलू मार्केट की बात करें, तो इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट IBJA.Com के मुताबिक शुक्रवार को 24 कैरेट 10 ग्राम गोल्ड रेट 3,403 रुपये उछलकर खुला और 1,30,874 रुपये पर पहुंच गया. ये आंकड़ा इसका ऑल टाइम हाई लेवल है. वहीं 22 कैरेट सोना (1,27,730 रुपये/10 ग्राम), 20 कैरेट सोना (1,16,480 रुपये/10 ग्राम) और 18 कैरेट गोल्ड (1,06,010 रुपये/10 ग्राम) पर कारोबार कर रहा था. घरेलू मार्केट में सोने की अपडेटेड कीमतें जीएसटी और मेकिंग चार्ज से अलग होती हैं.
एक्सपर्ट ने ज्यादा निवेश पर किया अलर्ट
साल 2025 में अब तक जहां सोने की कीमतें 60% से ज्यादा चढ़ चुकी हैं, तो वहीं महज इसी हफ्ते ये करीब 8% तक उछल चुका है.एक ओर जहां निवेशक सोने की ओर भाग रहे हैं. इस भागमभाग के बीच विजडम हैच के फाउंडर और फाइनेंस एक्सपर्ट अक्षत श्रीवास्तव निवेश करने वालों को बड़ा चेतावनी दी है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट शेयर कर अलर्ट किया कि, 'अगर आप सिर्फ Gold में निवेश करते हैं, तो अभी आपको सब बेहद अच्छा लगागे, क्योंकि इसमें उछाल तेज है. लेकिन इसमें एक गहरा जोखिम भी छिपा हुआ है और ये पुनर्निवेश का जोखिम है.
निवेशकों के लिए ये सबसे बड़ी चुनौती
अक्षत श्रीवास्तव ने इसे समझाते हुए कहा कि अगर आप पूरी तरह से सोने में निवेश करते हैं और अभी बेचने का फैसला करते हैं, तो आप पुनर्निवेश आखिर कहां करेंगे? उन्होंने कहा कि सोने जैसी संपत्तियों के साथ सबसे बड़ी यही चुनौती है कि ज्यादातर सोने के शौकीन अभी नहीं बेचेंगे, क्योंकि उन्हें इसके और भी ज्यादा उछलने की उम्मीद है. पोस्ट में उन्होंने आगे लिखा कि किसी न किसी स्तर पर सोने में सुधार जरूर आएगा और जब ऐसा होगा, तब अगर आप आंकड़ों पर दोबारा गौर करेंगे, तो शेयर और सोने की स्थिति बहुत अलग दिखेगी.
उन्होंने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में एक लिखा, 'हो सकता है कि आप ये सोचकर खुश हो रहे हों कि मेरी दादी फंड मैनेजरों को मात दे रही हैं' लेकिन समस्या यह है कि आप सोने के सबसे अच्छे दिनों की तुलना शेयरों के सामान्य दिनों से कर रहे हैं.
निवेश में विविधता है जरूरी
अक्षत श्रीवास्तव ने सोने में निवेश करने वालों को अलर्ट करते हुए कहा है कि विविधता जरूरी है. आप सिर्फ सोने में नहीं, बल्कि विभिन्न एसेट क्लास में निवेश करें. जैसे शेयर, क्रिप्टो, रियल एस्टेट, क्योंकि हर एसेट किसी न किसी दौर में अलग और एक दूसरे से बेहतर प्रदर्शन करता है. उन्होंने कहा कि भारत में, सोना बेचना अक्सर अंतिम उपाय माना जाता है, जो आमतौर पर वित्तीय आपात स्थिति के दौरान काम आता है. इसका मतलब है कि तब तक सोना बेकार पड़ा रहता है और प्रोडक्टिव इकोनॉमिक एक्टिविटीज में कोई योगदान नहीं देता है.
आजतक बिजनेस डेस्क