किसी को भी अपने पास दो पैन यानी (पैन कार्ड) नहीं रखना चाहिए, अगर किसी के पास गलती से या जानबूझकर दो PAN बन गए हैं, तो ये दंडनीय अपराध माना जाता है. कुछ इसी तरह का एक मामला सामने आया है, फर्जी पैन कार्ड को लेकर समाजवादी पार्टी के बड़े नेता आजम खान और उनके बेटे को रामपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया है.
आरोप था कि अब्दुल्ला आजम खान ने चुनाव लड़ने की न्यूनतम आयु पूरी न होने पर अपनी उम्र अधिक दिखाने के लिए दूसरा पैन कार्ड बनवाया, और इस साजिश में आजम खान भी शामिल थे. दोनों को 7-7 साल की सजा सुनाई गई है. साथ ही दोनों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.
अब आइए पैन नंबर को लेकर आयकर का पूरा नियम जानते हैं...
दरअसल, PAN सिर्फ एक पहचान पत्र नहीं है, यह पूरी वित्तीय लेन-देन का गवाह होता है. बैंक अकाउंट खोलने से लेकर शेयर मार्केट में कदम रखने तक, ITR भरने से लेकर लाखों की खरीदारी तक, सब कुछ इसी 10 अंकों के नंबर पर टिका रहता है. आयकर अधिनियम के अनुसार किसी भी नागरिक के पास सिर्फ एक पैन नंबर होना चाहिए.
भारत में आयकर व्यवस्था को पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए सरकार ने PAN (Permanent Account Number) को एक अनिवार्य दस्तावेज के रूप में लागू किया है. पैन की मदद से किसी भी व्यक्ति या संस्था के सभी वित्तीय लेनदेन को एक ही पहचान संख्या से जोड़ा जाता है.
दो पैन कार्ड होने पर क्या-क्या दिक्कतें?
ऐसे में अगर किसी के पास दो PAN कार्ड पाए जाते हैं, तो इसे कानूनन गलत माना जाता है. धारा 272B के तहत दंडनीय अपराध माना जाता है. वैसे तो इस अपराध पर 10,000 रुपये जुर्माना लगता है. लेकिन फर्जी पैन कार्ड का गलत इस्तेमाल करने पर मोटा जुर्माना और सजा दोनों का प्रावधान है.
दो PAN होने पर बैंक अकाउंट खोलने से लेकर KYC अपडेट कराने और लोन के लिए आवेदन करने तक में हर जगह दिक्कतें आती हैं. अगर किसी के दस्तावेज में दो अलग-अलग पैन नंबर दर्ज हो जाते हैं तो बैंक अकाउंट फ्रीज होने की भी नौबत आ सकती है. दो पैन होने पर ITR कैसे भर सकते हैं. क्योंकि सिस्टम दो PAN कार्ड वाले व्यक्ति के रिटर्न को स्वीकार नहीं करता है.
कई बार इसे टैक्स चोरी या फर्जी लेनदेन की कोशिश के रूप में भी देखा जा सकता है. दो पैन होने पर Aadhaar–PAN लिंकिंग में दिक्कतें आती हैं, और मामला संदिग्ध हो जाता है. माना जाता है कि अधिकतर लोग फर्जीवाड़े के लिए दूसरा पैन कार्ड बनवाते हैं, लेकिन पकड़े जाने पर जेल तक की हवा खानी पड़ सकती है.
असली दिक्कत तब शुरू होती है जब विभाग यह समझने लगता है कि कहीं आप दो PAN का इस्तेमाल टैक्स बचाने, लेन-देन छिपाने, या काले धन के चक्कर में तो नहीं कर रहे. फिर आपके खिलाफ जांच शुरू हो जाती है. क्योंकि दूसरा पैन कार्ड का साफ मतलब है कि वित्तीय पहचान के साथ धोखाधड़ी करना.
अगर धोखे से दो पैन कार्ड बन गए हों, तो क्या करें...
अगर किसी के पास गलती से दो PAN जारी हो गए हैं, तो इसका समाधान भी मौजूद है. आयकर विभाग के मुताबिक अतिरिक्त PAN को ऑनलाइन या ऑफलाइन सरेंडर कर सकते हैं. यह प्रक्रिया NSDL या UTIITSL की वेबसाइट पर 'Surrender Duplicate PAN' विकल्प के तहत पूरी होती है. इसके बाद विभाग जांच तक अतिरिक्त पैन को निष्क्रिय कर देता है.
इसलिए यह बेहद जरूरी है कि हर नागरिक अपने दस्तावेजों में सिर्फ और सिर्फ एक ही PAN नंबर का उपयोग करें.
इन कामों में PAN जरूरी-
- PAN नंबर वित्तीय लेन-देन के लिए अनिवार्य.
- बैंक खाता खोलते समय पैन नंबर जरूरी.
- 50,000 रुपये से अधिक का बैंक ट्रांजैक्शन पर पैन जरूरी.
- 2 लाख रुपये से अधिक की खरीद (जैसे ज्वेलरी).
- प्रॉपर्टी खरीद/बिक्री पर पैन नंबर जरूरी.
- म्यूचुअल फंड, शेयर बाजार और इंश्योरेंस के लिए पैन जरूरी.
- ITR भरते समय पैन जरूरी.
- कई जगह PAN को वैध पहचान पत्र माना जाता है. लेकिन यह Address Proof नहीं है.
- सभी कंपनियों, फर्मों, LLP, ट्रस्ट और संस्थाओं के लिए PAN अनिवार्य है.
आजतक बिजनेस डेस्क