RBI ने रेपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव, डेवलपर्स बोले- बढ़ेगा खरीदारों का भरोसा

Repo Rate वह ब्याज दर है, जिस पर RBI देश के तमाम बैंकों को कर्ज देता है और इसमें उतार-चढ़ाव सीधे लोन लेने वाले ग्राहकों पर असर डालता है. क्योंकि जब रिजर्व बैंक इस रेपो रेट को घटाने का फैसला करता है यानी Repo Rate Cut करता है, तो बैंकों को सस्ता लोन मिलता है.

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इस बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है (Photo-ITG) इस बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है (Photo-ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 8:46 PM IST

इस बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जिसका मतलब है कि आपके लोन की ईएमआई पर कोई असर नहीं पड़ेगा. यह त्योहारों के सीजन से पहले घर खरीदारों के लिए एक अच्छी खबर है, जो घर खरीदने की योजना बना रहे हैं. रेपो रेट में स्थिरता के बाद, डेवलपर्स का कहना है कि यह निर्णय घर खरीदारों के लिए एक सकारात्मक संकेत है और इससे बाजार में मांग बढ़ने की उम्मीद है, इससे घर खरीदारों को अपने सपनों का घर खरीदने में मदद मिलेगी.

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मनोज गौड़, जो कि गौड़ ग्रुप के सीएमडी हैं, उन्होंने RBI के फैसले का स्वागत किया है, उनका कहना है कि यह फैसला बुद्धिमानी भरा है, क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, ख़ासकर तब जब दुनिया भर में व्यापार से जुड़ी चुनौतियां हैं, जैसे कि ट्रंप टैरिफ का असर. गौड़ ने कहा कि महंगाई दर अभी आरबीआई के तय लक्ष्य से कम है. ऐसे में, यह फैसला रियल एस्टेट सेक्टर के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा.  

खरीदारों में उत्साह

वहीं गुलशन ग्रुप के डायरेक्टर, दीपक कपूर कहते हैं- गुलशन ग्रुप के डायरेक्टर, दीपक कपूर के मुताबिक, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट को 5.5% पर स्थिर रखना रियल एस्टेट सेक्टर के लिए बिलकुल सही कदम है. उनका कहना है कि पिछले 6 महीनों में ब्याज दरों में जो 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती हुई थी, उससे खरीदारों में काफी उत्साह देखने को मिला था. इसी का नतीजा है कि साल 2025 की पहली छमाही में सिर्फ टियर-1 शहरों में ही 3.6 लाख करोड़ रुपये के घर बिके हैं, जिससे आवास की मांग में ज़बरदस्त उछाल आया है. 

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लैंडमार्क ग्रुप के फाउंडर और चेयरमैन, संदीप छिल्लर का मानना है कि RBI का रेपो रेट में कोई बदलाव न करना रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक सकारात्मक संकेत है, जिससे विकास को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि इस फैसले से होम लोन की ब्याज दरों में और कमी आने की उम्मीद है, जिससे पहली बार घर खरीदने वालों के लिए प्रॉपर्टी खरीदना और भी आसान हो जाएगा. ओकस ग्रुप के चेयरमैन और एमडी प्रकाश मेहता का कहना है कि रेपो रेट को स्थिर रखकर RBI ने संकेत दिया है कि वह इकोनॉमिक ग्रोथ और महंगाई को नियंत्रित करने के बीच संतुलन बनाए रखना चाहती है. रियल एस्टेट सेक्टर के लिए यह कदम एक ऐसा माहौल बनाता है जो लॉन्गटर्म प्रोजेक्ट्स के लिए अनुकूल है. इससे अलग-अलग प्रॉपर्टी सेगमेंट में इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े प्रोजेक्ट्स को मजबूती से आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी. 

रियल एस्टेट सेक्टर को मिलेगा सहारा

होमलैंड ग्रुप के सीईओ उमंग जिंदल का मानना है कि RBI ने रेपो रेट को 5.50% पर स्थिर रखकर यह दिखाया है कि वह बदलती हुई आर्थिक परिस्थितियों में सावधानी बरत रहा है. उनके अनुसार, इस फैसले से रियल एस्टेट सेक्टर को कुछ हद तक सहारा मिल सकता है क्योंकि लोन की लागत में कोई बदलाव नहीं होगा, जिससे आवास की मांग स्थिर बनी रह सकती है. हालांकि, जिंदल ने यह भी कहा कि इस समय डेवलपर्स और घर खरीदारों को किसी अतिरिक्त वित्तीय राहत की उम्मीद नहीं करनी चाहिए.

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सीआरसी ग्रुप के डायरेक्टर सलिल कुमार ने कहा है कि आरबीआई का रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला रेसिडेंशियल और कॉमर्शियल दोनों ही रियल एस्टेट सेगमेंट के लिए एक अच्छा और स्थिरता भरा कदम है. उनके मुताबिक, केंद्रीय बैंक का यह रुख यह उम्मीद जगाता है कि भविष्य में ब्याज दरों में कटौती हो सकती है, जिससे बाजार का माहौल और भी बेहतर होगा. 

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