Donald Trump टैरिफ-टैरिफ खेलते रहे, PM मोदी ने पलट दिया गेम... भारत किसी के भरोसे नहीं!

Donald Trump ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया था, लेकिन इसका असर दो महीने में ही धुआं हो गया. सितंबर-अक्टूबर में तमाम सेक्टर्स पर इसका निगेटिव प्रभाव दिखा, लेकिन नवंबर में भारत ने नुकसान की भरपाई कर दी.

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ट्रंप टैरिफ के दबाव के बावजूद भारत का व्यापार घाटा नवंबर में घटा (Photo: ITG) ट्रंप टैरिफ के दबाव के बावजूद भारत का व्यापार घाटा नवंबर में घटा (Photo: ITG)

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 15 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:59 PM IST

डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने भारत पर लागू टैरिफ डबल करते हुए इसे 50 फीसदी (US 50% Tariff On India) कर दिया था, जिसका शुरुआती असर तमाम सेक्टर्स पर देखने को मिला. लेकिन बीते 27 अगस्त से लागू ये Trump Tariff अब धुआं-धुआं नजर आ रहा है और इससे न भारत की इकोनॉमी पर कोई असर दिखा है और अब तो निर्यात (India Export) भी दम दिखाने लगा है. नवंबर महीने में भारतीय निर्यात के आंकड़े में बड़ा उछाल आया है, तो आयात में गिरावट दर्ज की गई है. इसके साथ ही एक गुड न्यूज ये भी है कि ट्रंप टैरिफ के तमाम साइड इफेक्ट के बाद भी भारत का व्यापार घाटा बीते महीने कम हुआ है. 

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भारत का व्यापार घाटा कम हुआ
अमेरिका के 50 फीसदी टैरिफ अटैक (Tariff Attack) के दबाव के बावजूद भारत ने कमाल किया है. बीते नवंबर महीने में निर्यात में इजाफा होने से व्यापार घाटा कम हुआ है. व्यापार घाटे में ये गिरावट इंजीनियरिंग सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स और जेम्स एंड ज्वेलरी सेक्ट के अच्छे प्रदर्शन से आई है. पीटीआई के मुताबिक, नवंबर महीने में भारत का व्यापार घाटा (India Trade Deficit) कम होकर 24.53 अरब डॉलर रह गया है, जबकि एक साल पहले ये आंकड़ा 31.93 अरब डॉलर दर्ज किया गया था.

सोमवार को जारी किए गए सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि भारत का वस्तु व्यापार घाटा नवंबर में अक्टूबर के मुकाबले तेजी से घटा है. अक्टूबर में टैरिफ के दबाव के बीच ये 41.68 अरब डॉलर था. ट्रेड डेफिसिट में ये गिरावट भारत के मजबूत निर्यात और कम किए गए आयात के कारण बिजेनस ग्रोथ का संकेत देता है. 

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नवंबर ने की नुकसान की तगड़ी भरपाई
अमेरिका की ओर से भारत पर पहले 25 फीसदी रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया था और उसके बाद Donald Trump ने भारत पर रूसी तेल और हथियारों की खरीद करके यूक्रेन युद्ध में व्लादिमीर पुतिन की आर्थिक मदद करने का आरोप लगाते हुए इसे दोगुना करके 50% कर दिया था. सितंबर और अक्तूबर महीने में निर्यात पर इसका बड़ा विपरीत असर देखने को मिला था, लेकिन भारत की तगड़ी रणनीति ने टैरिफ की हवा निकाल दी. सरकारी आंकड़े जारी होने के बाद वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि नवंबर में हुए निर्यात ने इस साल अक्टूबर में हुए नुकसान की भरपाई कर दी.

निर्यात में तगड़ा उछाल, आयात घटा
रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय निर्यात नवंबर में 19.37% की बढ़ोतरी के साथ 38.13 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जबकि बीते महीने भारतीय आयात में 1.88% की गिरावट दर्ज की गई और ये घटकर 62.66 अरब डॉलर रह गया. राजेश अग्रवाल ने नवंबर को भारत के आयात और निर्यात दोनों के लिहाज से एक अच्छा महीना करार दिया. उन्होंने बताया कि सर्विस सेक्टर भी मजबूत बना रहा, अकेले भारत का अमेरिका को निर्यात नवंबर में पिछले वर्ष की तुलना में 1.3 अरब डॉलर बढ़कर 6.98 अरब डॉलर तक पहुंच गया.50% के हाई टैरिफ के बावजूद अमेरिका को भारत का माल निर्यात स्थिर बना हुआ है.

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अप्रैल से नवंबर तक की अवधि में India Export-Import के आकड़े पर नजर डालें, तो इस अवधि में माल निर्यात बढ़कर 292.07 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जबकि आयात बढ़कर 515.21 अरब डॉलर हो गया. इस अवधि के दौरान अमेरिका को निर्यात 59.04 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो एक वर्ष पहले की समान अवधि में 53.01 अरब डॉलर से अधिक है.

अन्य बिजनेस पार्टनर्स के साथ व्यापार
अन्य व्यापारिक साझेदारों में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को भारत का निर्यात 25.49 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जबकि आयात 40.81 अरब डॉलर रहा. इसके अलावा चीन से आयात बढ़कर 84.27 अरब डॉलर हो गया, जबकि रूस से आयात घटकर 40.81 अरब डॉलर रह गया. अमेरिकी टैरिफ जैसे बाहरी झटकों से अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Govt) ने तमाम कदम उठाए हैं, इनमें टैक्स कट से लेकर निर्यात प्रोत्साहन और श्रम सुधार शामिल हैं. सरकार के ये कदम भारत को वैश्विक व्यापार चुनौतियों से निपटने में मदद कर रहे हैं. 

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