अडानी ग्रुप के चैयरमैन गौतम अडानी (Gautam Adani) के भतीजे प्रणव अडानी (Pranav Adani) पर इनसाइडर ट्रेडिंग करने का आरोप लगे हैं. रॉयटर्स के अनुसार, SEBI ने कहा कि प्रणव अडानी ने मई 2021 में अडानी ग्रीन की SB एनर्जी खरीदने की गुप्त जानकारी को लीक किया था. गौतम अडानी के भतीजे ने यह जानकारी इन्फॉर्मेशन ब्रदर इन-लॉ कुणाल शाह और उनके भाई नृपाल शाह के साथ शेयर की थी.
जब ये जानकारी शेयर हुई तो शाह ब्रदर्स ने इसका लाभ उठाकर 90 लाख रुपये का मुनाफा कमाया. सेबी ने बताया कि कॉल रिकॉर्डिंग और ट्रेडिंग पैटर्न से जानकारी मिली है कि डील होने से 2-3 दिन पहले ही जानकारी शेयर की गई थी. हालांकि इस आरोप को लेकर प्रणव ने रायटर्स से कहा कि वे आरोपों को स्वीकार नहीं करते हैं.
प्रणव अडानी ने क्या कहा?
गौतम अडानी (Gautam Adani) के भतीजे ने कहा कि उन्होंने कोई कानून नहीं तोड़ा. आरोप नहीं मानते हुए भी सेटलमेंट चाहते हैं, ताकि मामला खत्म हो. वहीं शाह बंधुओं के वकील ने कहा कि ट्रेडर्स सार्वजनिक जानकारी के आधार पर हुए. इसमें कोई गलत इरादा नहीं था. अडानी ग्रीन ने SB एनर्जी को 3.5 अरब डॉलर (करीब 30,000 करोड़ रुपये) में खरीदकर भारत के रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर की सबसे बड़ी डील की थी.
प्रणव अडानी ने कहा कि उन्होंने कोई नियम का उल्लघन नहीं किया है. वह इस मामले का निपटारा करना चाहते हैं. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मामले की जानकारी रखने वाले सूत्र ने बताया कि समझौते की शर्तों पर चर्चा की जा रही है. हालांकि उन्होंने मामला गोपनीय होने के कारण अपना नाम उजागर करने से मना कर दिया.
अवैध तरीके से कमाया मुनाफा
सेबी के दस्तावेज में कहा गया है कि जानकारी शेयर होने के बाद कुणाल शाह और उनके भाई नृपाल शाह ने अडानी ग्रीन के शेयरों में कारोबार किया और 90 लाख रुपये (108,000 डॉलर) का 'अवैध लाभ' कमाया. सूत्र ने बताया कि सेबी ने प्रस्ताव दिया था कि कुणाल और नृपाल शाह भी समझौता कर लें, लेकिन भाइयों ने आरोपों का विरोध करना उचित समझा, क्योंकि उन्हें शर्तें बहुत कठिन लगीं.
अमेरिका में धोखाधड़ी के आरोप
पिछले साल नवंबर के दौरान अडानी समेत 8 लोगों पर सरकारी अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर यानी करीब 2,029 करोड़ रुपये रिश्वत देने का आरोप लगाया गया था. अमेरिकी अटॉर्नी ऑफिस आरोप पत्र के मुताबिक, अडानी की कंपनी ने भारत में रिन्यूएबल एनर्जी के प्रोजेक्ट गलत तरीके से हासिल किए थे. इसके लिए सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी गई थी. वहीं अमेरिका में भी इन्वेस्टर्स और बैंकों से झूठ बोलकर पैसा लिया गया था.
आजतक बिजनेस डेस्क