एक तरफ जहां भारत समेत दुनिया आर्थिक तौर पर रफ्तार पकड़ रहा और दुनियां को चुनौती दे रहा है. वहीं दूसरी तरफ, पाकिस्तान आतंकवाद को पालन-पोषण में व्यस्त है. दशकों से पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देता रहा है. आलम है कि आतंकियों को पालते-पालते आज पाकिस्तान खुद बर्बादी के कगार (Pakistan Economic Crisis) पर पहुंच गया है, यह देश पाई-पाई के लिए मोहताज है, फिर भी भारत के खिलाफ आतंक फैलाने से बाज नहीं आ रहा है.
दरअसल, बीते 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान की ओर से आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) में 26 लोगों की जान चली गई. इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई एक्शन लिए हैं. भारत ने पाकिस्तान पर चौतरफा वॉर किया है. बिना सैन्य बल के भारत ने पाकिस्तान की इकोनॉमी पर गहरी चोट दी है और वैश्विक स्तर पर भी दबाव बना रहा है, ताकि इस 'आतंकिस्तान' की फंडिंग रुक जाए.
नहीं बाज आ रहा पाकिस्तान
वैसे भी पाकिस्तान छोटे-छोटे देशों से भी गरीब है. पाकिस्तान से ज्यादा नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका और फिलीपींस जैसे देश अमीर हैं. अपने आतंकियों को मनसुबे के कारण ये देश हर दिन बर्बाद हो रहा है. ताज्जुब की बात यह है कि आर्थिक रूप से बदहाल हालत में पहुंचने के बावजूद पाकिस्तान की 'हेकड़ी' कम होने का नाम नहीं ले रही. पड़ोसी देशों पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने से बाज नहीं आ रहा है.
कंगाली के कगार पर पाकिस्तान
मौजूदा आर्थिक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान का GDP प्रति व्यक्ति करीब 1,500 डॉलर है. भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 2,400 डॉलर, बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति जीडीपी 2,700, श्रीलंका की 3,800 डॉलर और वियतनाम की 4,300 डॉलर है. मानव विकास सूचकांक (HDI) में भी पाकिस्तान की रैंक 160वें स्थान के आसपास है, जबकि नेपाल और श्रीलंका जैसे देश 143 और 73वें स्थान पर हैं.
पाकिस्तान में महंगाई दर 30% के पार जा चुकी है, विदेशी मुद्रा भंडार लगातार गिर रहा है और इसके पास देश चलाने के लिए कुछ ही दिन का पैसा बचा हुआ है. जनता रोटी-दाल जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए जूझ रही है. पेट्रोल, गैस और बिजली की कीमतें आसमान छू रही हैं. इसके बावजूद पाकिस्तान की सरकार और सेना भारत के खिलाफ बयानबाजी और घुसपैठ कराने से मान नहीं आ रही.
दुनिया में हाथ फैला रहा पाकिस्तान
जहां एक ओर पाकिस्तान को IMF से कर्ज के लिए बार-बार हाथ फैलाने पड़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उसका डिफेंस बजट लगातार बढ़ रहा है. सुरक्षा की आड़ में आतंकवाद को संरक्षण, कश्मीर पर बेतुके बयान और वैश्विक मंचों पर भारत के खिलाफ दुष्प्रचार, ये सब पाकिस्तान की विदेश नीति का हिस्सा हैं.
भारत सिखाएगा सबक
भारत पूरी ताकत के साथ पाकिस्तान को एक बार फिर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की 'ग्रे लिस्ट' में डलवाने की कोशिश कर सकता है, ताकि उसे मिलने वाली आर्थिक मदद पर रोक लगे. अगर भारत फिर से पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डलवाने में कामयाब रहा तो पाकिस्तान आर्थिक तौर पर और कंगाल हो जाएगा. इससे पहले भारत की कोशिश से ही पाकिस्तान को जून 2018 में 'ग्रे लिस्ट' में डाला गया था. बता दें, 'ग्रे लिस्ट' जाते ही किसी भी देश के लिए आर्थिक संकट गहरा जाता है. उस देश में विदेशी निवेश कम हो जाता है.
इसके अलावा भारत की कोशिश है कि पाकिस्तान को IMF से मिलने वाली आर्थिक मदद पर रोक लगाई जाए. पाकिस्तान को IMF से मिलने वाले फंड को लेकर 9 मई को बैठक होने वाली है, इस बैठक में भारत पाकिस्तान का विरोध करेगा. IMF ने जुलाई 2024 में पाकिस्तान को 7 अरब डॉलर की मदद देने का समझौता किया था.
वहीं भारत ने सिंधु जल समझौता को सस्पेंड कर दिया है, जिससे पाकिस्तान की कृषि अर्थव्यवस्था बिगड़ सकती है. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में कृषि का 20% तक योगदान है. इसके अलावा पाकिस्तान से व्यापार भी बंद कर दिया है, जिससे पाकिस्तान को और गहरी चोट लगेगी.
आजतक बिजनेस डेस्क