वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को एक एक कार्यक्रम के दौरान रुपया के लगातार गिरावट की चिंताओं पर बात करते हुए कहा कि रुपया अपना लेवल खुद ही बना लेगा. इसे लेकर ज्यादा चिंता करने की बात नहीं है. उन्होंने यह बात ऐसे वक्त में बोली हैं, जब रुपया गिरकर 90 के ऊपर जा चुका है.
डॉलर के मुकाबले रुपया में आई गिरावट को लेकर हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट (HTLS) 2025 में एक सवाल का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि जब विपक्ष में रहते हुए हमारी पार्टी ने रुपये की कमजोरी को लेकर मुद्दा उठाया था, तब हालात अलग थे.
उस दौरान UPA सत्ता में थी, उन्होंने विस्तार से बताया कि उन पिछली चर्चाओं के बाद आज आर्थिक स्थिति बदल चुकी है. सीतारमण ने आर्थिक इंफ्रास्ट्रक्चर में आए बदलाव का जिक्र करते हुए कहा कि मैं बहुत सी बातें कहने के लिए उत्सुक हूं. रुपया, मुद्रा विनिमय दरें वगैरह, लेकिन ये कुछ ज्यादा ही संवेदनशी हैं... यूपीए के समय महंगाई दर बहुत ज्यादा थी, अर्थव्यवस्था नाज़ुक थी, और जब आपकी करेंसी पर भी असर पड़ता है तो कोई भी इससे प्रभावित होने से नहीं बचता.
हम जहां खड़े हैं, कुछ फैक्टर्स बहुत ही खास
करेंसी वैल्यूवेशन में इकोनॉमी इंफ्रास्ट्रक्चर के महत्व को समझाते हुए सीतारमण ने रुपये को व्यापक आर्थिक संकेतकों के संदर्भ में देखने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के बुनियादी सिद्धांतों पर गौर करें, हम जहां पर खड़े हैं, कुछ फैक्टर्स बहुत ही खास हैं, जो भारत को एक बहुत ही अलग स्थिति में रखते हैं... इस करेंसी चर्चा को इन वास्तविकताओं के दायरे में रखना होगा.
आरबीआई गवर्नर ने क्या कहा?
इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि केंद्रीय बैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपये के लिए किसी बैंड को टारगेट नहीं करता है और घरेलू मुद्रा को अपना स्तर खोजने की अनुमति देता है. मौद्रिक नीति के बाद आयोजित एक प्रेस वार्ता में रुपये के गिरावट के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम किसी करेंसी लेवल पर या किसी बैंड को लक्ष्य नहीं बनाते. हम बाजार को कीमतें निर्धारित करने देते हैं. हमारा मानना है कि बाजार, विशेष रूप से लॉन्गटर्म में बहुत कुशल होते हैं. यह एक बहुत डीप मार्केट है.
बुधवार को रुपया में आई थी बड़ी गिरावट
बुधवार, 3 दिसंबर को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 90.43 के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया. यह गिरावट विदेशी निवेशकों की बिकवाली के दबाव और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बीच आई है. इस गिरावट के बाद, गुरुवार को रुपया 26 पैसे बढ़कर 89.89 पर बंद हुआ. वहीं शुक्रवार को यह 89.94 पर था.
आजतक बिजनेस डेस्क