JP Morgan के भारत में मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ इकोनोमिस्ट डॉ. साजिद जे चिनॉय (Sajjid Z. Chinoy) ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में कहा कि भारत को अमेरिका के साथ बदले की भावना के साथ काम नहीं करना है. टैरिफ का जवाब टैरिफ लगाना भारत के लिए सही नहीं रहेगा. भारत सरकार बिल्कुल मैच्योर और सही फैसला ले रही है और उसे पता है कि क्या करना सही रहेगा.
उन्होंने कहा कि अमेरिका ने मनमाना टैरिफ भारत पर लगाया है. लेकिन भारत की तारीफ करनी होगी, यहां की सरकार सोच-समझ कदम उठा रही है, क्योंकि बातचीत से रास्ता निकल सकता है, दोनों देशों के बीच बातचीत चल भी रही है.
साजिद ने कहा कि कोविड के बाद अचानक डिमांड घट गई थी, ठीक उसी तरह से अमेरिका द्वारा 50 फीसदी टैरिफ लगाने के बाद डिमांड पर असर होने वाला है. लेकिन हमारे लिए चुनौती के साथ-साथ मौका है, जिस तरह से भारत ने कोविड के बाद तेजी से रिकवरी किया है, उसी तरह से हमें टैरिफ को लेकर प्लान करना चाहिए.अमेरिकी एक्सपोर्ट कम होने पर भारत को दूसरे विकल्पों पर तेजी से काम करने की जरूरत है.
सरकार को कहां फोकस रखना चाहिए
उन्होंने आगे कहा कि कोविड में जैसे हमने अपने लिक्विडिटी बढ़ाने पर फोकस रखा था, ठीक वैसे ही टारगेट सेक्टर पर फोकस रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत को दशकों में हमने ऐसा नहीं देखा है. भारत टारगेट सेक्टर में डिमांड बढ़ाने पर फोकस कर रहा है. एजुकेशन से लेकर हेल्थ सेक्टर पर सरकार का फोकस दिखाई दे रहा है.
भारत को नए ग्रोथ नैरेटिव की आवश्यकता है जैसे एआई, डिफेंस आदि. इन नैरेटिव पर फोकस होकर भारत की इकोनॉमी में शानदार ग्रोथ आएगी.
सरकार का कहां है फोकस?
USB के मुख्य अर्थशास्त्री (भारत) तन्वी गुप्ता जैन का कहना है कि कोविड के बाद सरकार का पूरा फोकस मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर पर था. तमाम सेक्टर्स के लिए कैपेक्स किए गए, लेकिन अब सरकार का फोकस Consumption पर भी है. जीएसटी में बदलाव, आयकर छूट के दायरे में बढ़ोतरी और ब्याज दरों में कटौती में इसका बड़ा उदाहरण है. लोगों के पास ज्यादा पैसे बचेंगे, वो खर्च करेंगे, जिससे सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ने वाली है.
तन्वी गुप्ता जैन ने कहा कि ग्लोबल उठापठक की वजह से भारत के लिए भी समय अच्छा नहीं है. टैरिफ चोट के बावजूद भारत FY26 में 7 फीसदी, FY27 में 6.3 फीसदी जीडीपी ग्रोथ कर सकता है.
भारत का स्ट्रक्चरल डेवलपमेंंटपर फोकस
वहीं सीटी बैंक के चीफ इकोनॉमिस्ट समीरन चक्रवर्ती ने कहा कि टैरिफ को लेकर हमे कुछ मुश्किल फैसला लेना होगा, जो भारत के हित में हो. साथ ही नीतियों में बदलाव की भी आवश्यकता है. अमेरिका के साथ नेगोशिएशन में 20 फीसदी टैरिफ पर फोकस रखना चाहिए, जो एक सुरक्षा दायरा है. तन्वी गुप्ता ने कहा कि भातर अभी स्ट्रक्चरल डेवलपमेंट पर फोकस कर रहा है, जिस कारण जीएसटी और इनकम टैक्स जैसे फैसले लिए गए हैं.
आजतक बिजनेस डेस्क