Boycott Turkey: तुर्की को Pak प्रेम पड़ेगा भारी... तगड़ी चोट देने की तैयारी, भारत ने बनाया ये प्लान!

Boycott Turkey: पाकिस्तान का साथ देना तुर्की को भारी पड़ता नजर आ रहा है. भारत में बायकॉट तुर्किए की मुहिम तेज हो गई है और इसका असर भी दिखने लगा है. एक ओर जहां व्यापारियों ने Turkish Apple का बहिष्कार शुरू किया है, तो ट्रैवल प्लेटफॉर्मों ने तुर्की, अजरबैजान की यात्रा न करने की अपील की है.

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भारत में बायकॉट तुर्की मुहिम तेज भारत में बायकॉट तुर्की मुहिम तेज

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 14 मई 2025,
  • अपडेटेड 7:58 PM IST

भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर (Indo-PAK Ceasefire) जरूर हो गया है, लेकिन महज बीते कुछ दिनों तक India-Pakistan Tension के बीच तुर्की (Turkey) खासा सुर्खियों में रहा और उसका PAK प्रेम खुलकर सामने आ गया. भारत पर हमले के दौरान जो ड्रोन भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम के जरिए मार गिराए गए, वो भी तुर्की (Turkish Drone) के बने थे. अब सीजफायर के बाद पाकिस्तान के इस दोस्त के खिलाफ भारत में विरोध शुरू हो गया है और  BOYCOTT TURKEY मुहिम जोर पकड़ने लगी है. इसका असर उसके अरबों डॉलर के कारोबार पर पड़ने वाला है. आइए जानते हैं कि भारत में उसका कितना बड़ा कारोबार है और कैसे भारतीय विरोध उसकी कमर तोड़ने वाला साबित होगा?  

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Turkey के खिलाफ बायकॉट मुहिम तेज  
भारत और तुर्की के बीच आर्थिक संबंधों के बावजूद राष्ट्रपति एर्दोआन के नेतृत्व में Turkey कश्मीर के मुद्दे को लेकर हमेशा से ही पाकिस्तान का समर्थन करता नजर आया है और इस बार भी पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद भारतीय एयर स्ट्राइक से शुरू हुए संघर्ष के दौरान भी उसका यही रवैया देखने को मिला. यहां तक कि बीते दिनों भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर हुए हमले में सामने आया कि Pakistan की ओर से भारत में Turkish Drone से हमले किए गए.

इसके खिलाफ भारत में जबरदस्‍त गुस्‍सा देखने को मिल रहा है और बायकॉट तुर्किए मुहिम तेज हो गई है. इसका असर भी दिखा है, जहां व्यापारियों ने तुर्की से सेब (Turkish Apple) खरीदना बंद कर दिया है, तो काफी हद तक पर्यटन पर निर्भर तुर्की के लिए कई ट्रैवल एजेंसियों ने भी ट्रैवल पैकेज रद्द कर दिए हैं. ट्रैवल प्लेटफॉर्म ईजमायट्रिप (EaseMyTrip) ने तो 'Nation First, Business After' का नारा बुलंद किया है और यात्रियों को पाकिस्तान का समर्थन करने वाले देशों की यात्रा न करने की सलाह दी है. 

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भारत-तुर्की के बीच बड़ा है कारोबार
भारत और तुर्की बड़े ट्रेड पार्टनर (India-Turkey Trade Partner) हैं. इसका अंदाजा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार के आंकड़ों को देखकर लगाया जा सकता है. आयात और निर्यात के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 में India-Turkey Trade 13.8 अरब डॉलर के आस-पास रहा था और इसके अगले वित्त वर्ष यानी 2023-24 में ये कुल 10.43 अरब डॉलर रहा था, जिसमें निर्यात 6.65 अरब डॉलर और आयात 3.78 अरब डॉलर का था. यही नहीं तुर्की ने भारत में बड़ा निवेश भी किया है. अप्रैल 2000 से दिसंबर 2023 तक कुल FDI 227.5 मिलियन डॉलर रहा है, तो दूसरी ओर भारतीय कंपनियों ने अगस्त 2000 से मार्च 2024 के बीच तुर्की में करीब 200 मिलियन डॉलर का इन्वेस्टमेंट किया. 

भारत में धड़ल्ले से बिकते हैं तुर्की के सामन
अगर बात करें भारतीय मार्केट में मौजूद तुर्किए के बड़े-बड़े ब्रांड्स के बारे में, तो इनकी लिस्ट लंबी है. फर्नीचर से लेकर पर्सनल केयर तक, होम अप्लायंस से लेकर सेब बेचे जा रहे हैं. तुर्की कालीन, तुर्किए फर्नीचर, टर्किश चीनी मिट्टी की चीजें, बुना हुआ कपड़ा, सिरेमिक टाइल्स, चेरी, ड्राय फ्रूट्स, ऑलिव ऑयल के लिए भारत एक बड़ा बाजार है. 

भारत में मौजूद प्रमुख टर्किश ब्रांड्स की लिस्ट देखें, तो इसमें Konfor Furniture, होम अप्लायंसेस से जुड़ीं Beko Appliances, Arçelik, Vestel, फूड सेक्टर में Godiva, Ülker, Turkish Delight, Çaykur समेत अन्य, फैशन से जुड़ीं Trendyol, LC Waikiki, Mavi, DeFacto, Sarar के प्रोडक्ट्स शामिल हैं. इसके अलावा तुर्किए के स्किनकेयर और पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स ब्रांड, फार्मासी, बायाब्लास, कास्मेड की भारतीय उपभोक्ताओं में खासी डिमांड है. 

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ट्रैवल कंपनी ने कहा- 'देश पहले, बिजनेस बाद में...'
अब भारत में लगातार पाकिस्तान के मित्र देशों तुर्किए-अजरबैजान का बायकॉट किया जा रहा है और इसमें ट्रैवल फ्लेटफॉर्म्स सबसे आगे नजर आ रहे हैं. ईज माय ट्रिप (EaseMy Trip) ने तो बड़ा संदेश देते हुए कहा है कि, 'राष्ट्र पहले, बिजनेस बाद में'.  इसके साथ यात्रियों को सलाह देते हुए कहा है कि पाकिस्तान का समर्थन करने वाले देशों की गैर-जरूरी यात्रा करने से परहेज करें.

ईजमायट्रिप के को-फाउंडर Nishant Pitti ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि पिछले साल 2,87,000 भारतीयों ने तुर्किए और 2,43,000 ने अजरबैजान की यात्रा की थी. इनकी अर्थव्यवस्थाओं का 10-12 फीसदी हिस्सा सिर्फ पर्यटन पर निर्भर है. टैवल फर्मों के बायकॉट का तुर्किए पर भी मालदीव जैसा असर देखने को मिल सकता है. 

सेब भी दे रहे Trukey को झटका
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच तुर्किए का पाकिस्तान को समर्थन देना भारतीयों को रास नहीं आ रहा है. इसके बाद से ही भारत में तुर्की के उत्पादों, खासकर तुर्की के सेबों का बहिष्कार शुरू हो गया. Boycott Turkey मुहिम में पुणे के व्यापारियों ने तुर्किए से आए सेबों को बाजार से हटाकर इस आंदोलन को और मजबूती दी है. बता दें कि तुर्किए सेब के जरिए हर मौसम में तकरीबन 1000-1200 करोड़ रुपये का कारोबार करता है. 

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एक बात और बता दें कि पाकिस्तान की तरह तुर्की भी भारत के आगे कहीं नहीं टिकता है और अगर जीडीपी के लिहाज से देखों तो जहां India GDP 4.19 डॉलर है, तो वहीं Turkey GDP महज 1.12 ट्रिलियन डॉलर है. तुर्की का पाकिस्तान प्रेम और भारत में 'Boycott Turkey' की मुहिम उसकी कमर तोड़ने वाली साबित हो सकती है.  

CAIT ने भी खोला तुर्की के खिलाफ मोर्चा 
देश भर के व्यापारियों के शीर्ष संगठन कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने चीन, तुर्की और अजरबैजान द्वारा पाकिस्तान का खुला समर्थन करने पर देश भर के व्यापारियों से अपील की है कि वो Turkey या अजरबैजान की यात्राओं का बायकॉट करें. बता दें कि China को लेकर कैट बीते कई सालों से चीनी प्रोडक्ट्स का बहिष्कार करने का अभियान चलाए हुए है, जिसका व्यापक असर भी दिका है. CAIT के राष्ट्रीय महामंत्री और चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि यदि भारतीय नागरिक तुर्किए और अजरबैजान की यात्रा का बहिष्कार करते हैं, तो इसका इन देशों की अर्थव्यवस्था, खासकर पर्यटन क्षेत्र पर बड़ा विपरीत असर देखने को मिलेगा. 

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