हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में जनसुराज पार्टी की करारी हार के बाद राजनीतिक रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने सोमवार को एक दिन का मौन उपवास रखा. जनसुराज पार्टी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, प्रशांत किशोर पश्चिम चंपारण जिले में स्थित भितिहरवा आश्रम पहुंचे, जिसे महात्मा गांधी ने करीब एक सदी पहले स्थापित किया था.
जहां से शुरू की थी पदयात्रा
उन्होंने इसी आश्रम से अपने 'मौन व्रत' की शुरुआत की. महात्मा गांधी के प्रति गहरी श्रद्धा रखने वाले प्रशांत किशोर ने तीन साल पहले इसी स्थान से 3,500 किलोमीटर लंबी पदयात्रा शुरू की थी, जिसके बाद पिछले साल गांधी जयंती के दिन जनसुराज पार्टी की स्थापना हुई.
प्रशांत किशोर गुरुवार को राज्य इकाई के अध्यक्ष मनोज भारती सहित पार्टी सहयोगियों के साथ आश्रम पहुंचे और मौन व्रत शुरू करने से पहले महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की. सुबह आश्रम पहुंचते ही प्रशांत किशोर ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी.
'राजनीतिक कार्यक्रम' नहीं 'आत्मिक प्रायश्चित'
इसके बाद वह अपनी टीम के प्रमुख सदस्यों के साथ शांत भाव से आत्मचिंतन में बैठे. इस दौरान हजारों की संख्या में कार्यकर्ता और समर्थक आश्रम परिसर में मौजूद रहे. पीके ने मौन उपवास को 'राजनीतिक कार्यक्रम’ नहीं बल्कि ‘आत्मिक प्रायश्चित’ बताया है.
जनसुराज की तीन वर्ष की यात्रा के बाद यह कदम उन्होंने इस सवाल के उत्तर में उठाया है कि जनता तक संदेश पूरी तरह क्यों नहीं पहुंच पाया. प्रशांत किशोर की पार्टी 238 सीटों पर मैदान में थी और एक भी सीट नहीं जीत पाई.
अभिषेक पाण्डेय