बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर प्रशांत किशोर ने दावा किया था. चुनाव रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने दावा किया था कि नीतीश कुमार की 25 सीट से ज्यादा आ गई, तो राजनीति छोड़ दूंगा. नीतीश कुमार की अगुवाई वाले जनता दल (यूनाइटेड) को 85 सीटों पर जीत मिली है. ऐसे में यह सवाल चर्चा का केंद्र बना हुआ था कि क्या पीके अपने ऐलान के मुताबिक राजनीति से संन्यास लेंगे? इसे लेकर जारी कयासों पर अब खुद पीके ने ही विराम लगा दिया है.
पीके ने बिहार चुनाव में जन सुराज की करारी हार के बाद मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेस की. इस दौरान उनसे राजनीति से संन्यास वाले दावे को लेकर सवाल हुआ. पीके ने इस सवाल पर कहा कि किस पद पर हूं कि इस्तीफा दे दूं. उन्होंने कहा कि यह नहीं कहा था कि बिहार छोड़ देंगे, बिहार के लोगों की बात कहना छोड़ देंगे. हम अब भी अपनी बात पर कायम हैं. पीके ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार डेढ़ करोड़ परिवारों को दो-दो लाख रुपये दे दे, जिन्हे 10-10 हजार का बयाना देकर यह वादा किया गया है. हम बिहार छोड़ देंगे.
उन्होंने कहा कि डेढ़ करोड़ परिवार गरीबी से बाहर आ जाएंगे, उनके बच्चों को मजदूरी करने गुजरात-तमिलनाडु नहीं जाना पड़ेगा. तो हमें भी राजनीति करने की जरूरत नहीं रहेगी, कुछ और काम कर लेंगे. पीके ने कहा कि नीतीश कुमार ने 10-10 हजार बयाना देकर वोट खरीदा है कि सरकार में आएंगे तो दो-दो लाख रुपये दिए जाएंगे. उन्होंने सहारा इंडिया का उदाहरण देकर कहा कि जब कंपनी भाग गई, तब लोगों ने उस एजेंट को खोजना शुरू किया जिसने पैसे जमा कराए थे. नीतीश सरकार नहीं देगी, तो जीविका दीदियों और अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों को पकड़ा जाएगा जिन्होंने महिलाओं को सिंबल समझाया है कि इस पर वोट दोगे तो छह महीने के भीतर यह पैसा मिलेगा.
प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार यह वादा पूरा कर दें, तो मान लूंगा कि हमारे आंदोलन में गलती थी. उन्होंने कहा कि सलाह का समय अब समाप्त हो गया है और संघर्ष का समय शुरू. जिसे भी यह दो लाख रुपये नहीं मिल रहे, वह हमसे संपर्क करे, जन सुराज के लोगों से संपर्क करे. हम अधिकारियों के पास आपके साथ चलेंगे. नीतीश कुमार के पास भी चलेंगे. आपकी आवाज बनेंगे. प्रशांत किशोर ने कहा कि जब तक बिहार को सुधारने का संकल्प पूरा न कर लूं, पीछे हटने का सवाल ही नहीं. बिहार नहीं छोड़ूंगा. जिन लोगों को लगता है कि मैं बिहार छोड़ दूंगा, यह उनका भ्रम है.
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उन्होंने कहा कि तीन साल में जितनी मेहनत की है, उससे दोगुनी मेहनत करूंगा. प्रशांत किशोर ने दावा किया कि घर-घर जाकर सिंबल समझाने के लिए जीविका दीदियों और अन्य सरकारी मशीनरी पर हजारों करोड़ रुपये खर्च किए गए. चुनाव के बीच पैसे भेजे गए. प्रवासी मजदूरों को कपड़े के नाम पर पांच-पांच हजार रुपये दिए गए. उन्होंने जन सुराज की करारी हार के लिए जिम्मेदारी लेते हुए यह भी कहा कि प्रायश्चित के लिए 20 नवंबर को एक दिन का उपवास रखूंगा. कमियों को सुधारकर हम उतनी ही ताकत से फिर खड़े होंगे. हमें आज जरूर धक्का लगा है, लेकिन भविष्य में जीत हमारी ही होगी.
पीके ने कहा कि हम व्यवस्था परिवर्तन की बात कर आए थे, सत्ता परिवर्तन भी नहीं करा सके. इसके लिए पूरी जिम्मेदारी मेरी है. बिहार की जनता को अपनी बात सही से समझा नहीं पाया. उन्होंने कहा कि यह दोष मेरा है. आत्मचिंतन का वक्त है और हम आत्मचिंतन करेंगे. जो लोग जीतकर आए हैं, उनको बधाई. पीके ने कहा कि हम लोग बिहार विधानसभा में नहीं हैं, लेकिन जनता ने जो आदेश दिया है उसका सम्मान करते हुए बाहर हम जनता की आवाज बुलंद करते रहेंगे. नीतीश कुमार और बीजेपी ने जिन वादों पर जीतकर आए हैं, उन्हें पूरा करें.
रोहित कुमार सिंह