बिहार में मुखिया-सरपंच को मिलेगा हथियार का लाइसेंस, CM नीतीश का फैसला

बिहार सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं और ग्राम कचहरियों के निर्वाचित जन प्रतिनिधियों को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. अब इन प्रतिनिधियों को सुरक्षा कारणों से आर्म्स लाइसेंस जारी किया जाएगा.

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नीतीश कुमार- फाइल फोटो नीतीश कुमार- फाइल फोटो

शशि भूषण कुमार

  • पटना,
  • 25 जून 2025,
  • अपडेटेड 5:04 PM IST

बिहार सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं और ग्राम कचहरियों के निर्वाचित जन प्रतिनिधियों को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. अब इन प्रतिनिधियों को सुरक्षा कारणों से आर्म्स लाइसेंस जारी किया जाएगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर इस योजना को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

DM और SP को निर्देश
राज्य सरकार ने इस संबंध में सभी जिलों के जिलाधिकारी (DM) और पुलिस अधीक्षक (SP) को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं. निर्देश में कहा गया है कि यदि कोई निर्वाचित जन प्रतिनिधि आर्म्स लाइसेंस के लिए आवेदन करता है, तो उसके आवेदन की समय पर जांच की जाए और नियमानुसार निष्पादन किया जाए.

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सरकार का मानना है कि कई बार पंचायत प्रतिनिधियों को स्थानीय स्तर पर विवादों, आपराधिक तत्वों और दबंगों से खतरा बना रहता है. ऐसे में उन्हें आत्मरक्षा के लिए वैध हथियार रखने का अधिकार मिलना चाहिए. इस फैसले से राज्य भर के हजारों जन प्रतिनिधियों को राहत मिलने की उम्मीद है और उनकी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक मजबूत कदम माना जा रहा है.

हर पंचायत में बनेगा विवाह भवन
आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ग्रामीण जनता को राहत देने के लिए एक अहम फैसला लिया है. मंगलवार को आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में 'मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना' को मंजूरी दे दी गई है. इस योजना के तहत अब बिहार की सभी पंचायतों में विवाह भवनों का निर्माण कराया जाएगा.

सरकार का उद्देश्य है कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को उनकी बेटियों के विवाह आयोजन में सुविधा मिल सके. गांवों में अक्सर शादी समारोह के लिए उपयुक्त जगह नहीं मिल पाती, जिससे गरीब परिवारों को मुश्किल होती है. यह योजना उसी समस्या का समाधान करने की दिशा में एक ठोस कदम मानी जा रही है.

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जानकारी के मुताबिक, इस योजना के लिए 40 अरब 26 करोड़ 50 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है. यह पूरी राशि राज्य भर के पंचायतों में विवाह भवन निर्माण पर खर्च की जाएगी.

नीतीश सरकार की यह पहल न सिर्फ ग्रामीण परिवारों को राहत देगी, बल्कि पंचायत स्तर पर सामाजिक कार्यक्रमों के लिए एक स्थायी ढांचा भी उपलब्ध कराएगी.

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