सेफ्टी में मिला 1 स्टार...यहां बंद हुई FRONX की बिक्री! एजेंसी ने दी पीछे न बैठने की सलाह

NZTA ने देश में चल रही 1,115 सुजुकी फ्रॉन्क्स गाड़ियों के मालिकों को आधिकारिक चेतावनी जारी की है. एजेंसी ने साफ कहा है कि पीछे की सीटों का इस्तेमाल न किया जाए. भारत में बनी इस एसयूवी को हाल ही में ANCAP द्वारा क्रैश टेस्ट के बाद 1 स्टार सेफ्टी रेटिंग दी गई थी.

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Suzuki Fronx को क्रैश टेस्ट में सिंगल स्टार मिलने के बाद इसकी बिक्री न्यूजीलैंड में रोक दी गई है. Photo: ITG Suzuki Fronx को क्रैश टेस्ट में सिंगल स्टार मिलने के बाद इसकी बिक्री न्यूजीलैंड में रोक दी गई है. Photo: ITG

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:04 PM IST

Suzuki Fronx Safety Rating: जिस कार को स्टाइल और किफायती कीमत का पैकेज माना जा रहा था, वही अब सुरक्षा को लेकर सवालों के घेरे में आ गई है. सुजुकी फ्रॉन्क्स, जिसने लॉन्च के बाद कई बाजारों में ध्यान खींचा, अब ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड में एक बड़े सेफ्टी विवाद के चलते सुर्खियों में है. क्रैश टेस्ट के नतीजों ने ऐसा झटका दिया कि कंपनी को बिक्री तक रोकनी पड़ी और ग्राहकों को पीछे सीट पर यात्रियों को न बैठाने की सलाह देनी पड़ी है.

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क्या है मामला

दरअसल, ऑस्ट्रेलेशियन न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (ANCAP) ने हाल ही में सुजुकी फ्रॉन्क्स का सेफ्टी टेस्ट किया था. जिसमें इस एसयूवी को सिर्फ एक-स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली. रिपोर्ट सामने आते ही सुजुकी न्यूज़ीलैंड ने इस कार की बिक्री रोक दी है. इसके साथ ही कंपनी ने मौजूदा ग्राहकों को चेतावनी दी है कि वे पीछे की सीट पर किसी भी यात्री को न बैठाएं, क्योंकि टेस्ट के दौरान सीटबेल्ट से जुड़ी गंभीर खामी पाई गई है.

पीछे की सीट पर बैठना खतरे से खाली नहीं

न्यूज़ीलैंड ट्रांसपोर्ट एजेंसी वाका कोताही (NZTA) ने देश में चल रही 1,115 सुजुकी फ्रॉन्क्स गाड़ियों के मालिकों को आधिकारिक चेतावनी जारी की है. एजेंसी ने साफ कहा है कि पीछे की सीटों का इस्तेमाल न किया जाए. ANCAP क्रैश टेस्ट में पाया गया कि पीछे की सेफ्टी बेल्ट का मैकेनिज्म ठीक से काम नहीं कर रहा था, जिससे दुर्घटना की स्थिति में बड़ा खतरा पैदा हो सकता है.

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ANCAP की रिपोर्ट के बाद एक बार फिर से अलग-अलग क्रैश टेस्ट में अंतर पर सवाल उठने लगा है. Photo: ancap.com.au

सीटबेल्ट फेल, डमी आगे की सीट से टकराई

ANCAP के अनुसार फ्रॉन्क्स मुश्किल से सिंगल स्टार रेटिंग हासिल कर सकी है. टेस्ट के दौरान एक गंभीर और अलग तरह की सेफ्टी समस्या सामने आई, जब पीछे की सीट की सीटबेल्ट रिट्रैक्टर फेल हो गया. इस वजह से रियर सीट पर बैठी डमी अनियंत्रित हो गई और सीधे आगे की सीट से टकरा गई, जिसे बेहद गंभीर सुरक्षा चूक माना गया.

सेफ्टी स्कोर ने बढ़ाई चिंता

क्रैश टेस्ट के नतीजों में फ्रॉन्क्स को एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन में 48 प्रतिशत प्वाइंट मिले. चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन का स्कोर सिर्फ 40 प्रतिशत रहा. वल्नरेबल रोड यूजर प्रोटेक्शन में इसे 65 प्रतिशत और सेफ्टी असिस्ट में 55 प्रतिशत अंक दिए गए. ये आंकड़े साफ संकेत देते हैं कि कार की ओवरऑल सेफ्टी परफॉर्मेंस उम्मीद से काफी कमजोर रही.

बच्चों की सुरक्षा में बड़ी कमी

चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन में कम स्कोर की बड़ी वजह पीछे की सीटों पर सीटबेल्ट प्रीटेंशनर का न होना है. ANCAP ने बताया कि फ्रंटल और साइड इम्पैक्ट टेस्ट में बच्चों की डमी ठीक से सुरक्षित नहीं रहीं. बच्चों के सिर और छाती की सुरक्षा को कमजोर से औसत स्तर का आंका गया, जिससे अलग-अलग टेस्ट में स्कोर और गिर गया. हालांकि पीछे की सीटों पर ISOFIX एंकरेज और टॉप टेथर पॉइंट मौजूद हैं, लेकिन सीटबेल्ट प्रीटेंशनर और चाइल्ड प्रेजेंस डिटेक्शन सिस्टम की कमी ने रेटिंग को और नुकसान पहुंचाया.

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चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन में इसे कुल 49 प्वाइंट में से 20.06 प्वाइंट मिले हैं. Photo: ancap.com.au

भारत में बिक्री जारी, कीमत और फीचर्स 

न्यूज़ीलैंड में बिकने वाली सुजुकी फ्रॉन्क्स भारत में ही तैयार की जाती है और भारतीय बाजार में इसकी बिक्री बदस्तूर जारी है. भारत में यह कार 6.85 लाख रुपये की शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत पर उपलब्ध है. सेफ्टी फीचर्स की बात करें तो इसमें 6 एयरबैग, हिल होल्ड असिस्ट, एबीएस, ईबीडी और ईएसपी जैसे फीचर्स दिए गए हैं. हालांकि ANCAP की रिपोर्ट के बाद अब यह सवाल उठने लगा है कि अलग-अलग बाजारों में सेफ्टी स्टैंडर्ड्स को लेकर कितना अंतर है.

सेफ्टी बनाम भरोसा

सुजुकी Fronx का यह मामला सिर्फ एक कार की रेटिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्राहकों के भरोसे और वैश्विक सेफ्टी मानकों पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है. आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि कंपनी इस सेफ्टी खामी को कैसे ठीक करती है और ग्राहकों का भरोसा दोबारा कैसे जीतती है.

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