उत्तराखंड: नैनीताल में बिना हिल ड्राइविंग लाइसेंस के नहीं घूम पाएंगे पर्यटक!

एसएसपी पंकज भट्ट के मुताबिक पर्वतीय हिस्सों में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हिल ड्राइविंग लाइसेंस की बाध्यता की योजना बनाई गई है. पहले चरण में योजना का प्रचार प्रसार होगा और आने वाले पर्यटन सीजन से पूर्व व्यवस्था पूरी तरह से लागू कर दी जाएगी.

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Hill driving license Hill driving license

लीला सिंह बिष्ट

  • नैनीताल,
  • 13 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 11:14 PM IST

नैनीताल पुलिस अन्य राज्यों से आने वाले वाहन चालकों के लिए हिल ड्राइविंग लाइसेंस जरूरी करने की योजना बना रही है. इसे आगामी पर्यटक सीजन से पूर्व लागू करने का विचार किया जा रहा है. एसएसपी पंकज भट्ट के मुताबिक पर्वतीय हिस्सों में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हिल ड्राइविंग लाइसेंस की बाध्यता की योजना बनाई जा रही है.

एसएसपी पंकज भट्ट ने बताया कि जिनके पास हिल ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है तो उन्हें उस ड्राइवर की बुकिंग करनी होगी, जिसके पास हिल ड्राइविंग लाइसेंस है. पर्यटन सीजन में सड़क हादसों पर नियंत्रण करने और स्थानीय वाहन चालकों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए नैनीताल पुलिस ये व्यवस्था लागू करने जा रही है.  

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एसएसपी पंकज भट्ट का कहना है कि पर्यटन सीजन में बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से पर्यटक अपने या किराए के वाहनों से पहाड़ की ओर आते हैं. भीड़ ज्यादा होने की वजह से और चालकों के पास पहाड़ी क्षेत्रों में वाहन चलाने का अनुभव ना होने की वजह से कई बार हादसे होते हैं.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल के बयान के बाद पर्यटन व्यवसायियों में इस बात को लेकर नाराजगी है. उनका कहना है कि जोशीमठ की आपदा के बाद वैसे ही प्रदेश में पर्यटन कारोबार को भारी नुकसान हुआ है. अब इस तरह के बयानों के बाद पर्यटन कारोबार को फिर नुकसान झेलना पड़ेगा. पर्यटकों के पास तो हिमाचल और अन्य प्रदेशों में जाने का विकल्प है.

व्यवसायियों का क्या है कहना?

नॉर्थ इंडिया होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के सचिव प्रवीण शर्मा कहते हैं टूरिज्म इंडस्ट्री इस समय वैसे ही नेगेटिव चल रही है. जोशीमठ आपदा के बाद पूरे पहाड़ पर इसका असर पड़ा है. पिछले 2 महीने से हमारे प्रदेश का जो टूरिस्ट अराइवल था वह 80 परसेंट गिर गया है. एसएसपी के माध्यम से चली खबर के बाद  जो पर्यटक उत्तराखंड आना चाहता है वह हिमाचल या किसी और डेस्टिनेशन की तरफ रूख कर सकता है. ऐसे बयान देना बिना किसी ठोस जानकारी के बिल्कुल गलत है. 

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नैनीताल होटल एवं रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय बिष्ट का कहना है जो कमर्शियल लाइसेंस जारी किए जाते थे उनमें हिल और प्लेन का ऑप्शन होता था. हालांकि, जो लाइसेंस कमर्शियल नहीं है उनमें तो इस तरह का कोई ऑप्शन है ही नहीं.  हम लोग पहाड़ के रहने वाले हैं. लगभग 20 साल से मेरे पास लाइसेंस है लेकिन उसमें हिल का कोई प्रावधान नहीं है. अगर वह लागू होगा तो वह पूरे प्रदेश पर होगा और पुलिस के स्टाफ पर भी लागू होगा. इस तरह के बयान देने से पर्यटन को नुकसान होगा.

प्रशासन ने कहा ये

नैनीताल जिले के आरटीओ संदीप सिंह का कहना है की कमर्शियल व्हीकल में तो हिल और प्लेन का प्रावधान है लेकिन प्राइवेट वाहन चालक के लिए इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है. अगर प्राइवेट लाइसेंस धारक जिसके पास लाइट मोटर वाहन चलाने का लाइसेंस है, वह कमर्शियल लाइट मोटर व्हीकल चलाना चाहता है तो उसके लाइसेंस में यह प्रावधान है कि उसको हिल लाइसेंस जारी किया जा सकता है. हालांकि सामान्य तौर पर प्राइवेट वाहन चालकों के लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं है.

कुमाऊं के डीआईजी नीलेश आनंद भरणे का कहना है कि हम लोग वाहन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए वाहन चालकों को प्रमोट करते हैं कि उनके पास पहाड़ में वाहन चलाने का अनुभव होना चाहिए . अचानक हम इस तरह कोई आदेश को लागू नहीं कर सकते. हमको टाइम देना पड़ेगा. पहले इसका प्रचार प्रसार करना पड़ेगा. लोगों को जागरूक करना पड़ेगा. 

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यह पूछने पर कि प्राइवेट वाहन चालकों के लिए हिल का कोई प्रावधान नहीं है. इस बात का क्लेरिफिकेशन करेंगे यह बयान कैसे आया और अगर यह गलत है तो इस पर एक संशोधित बयान जारी करेंगे. लेकिन हम वाहन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए इस बात को प्रमोट करना चाहते हैं कि प्रदेश में आने वाले पर्यटक वाहन चालक को पहाड़ में गाड़ी चलाने का अनुभव होना चाहिए जिससे कि वाहन दुर्घटनाओं पर रोक लगाई जा सके.

 

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