छत्तीसगढ़: 800 किलो गोबर चोरी! क्या है 'गोधन न्याय योजना', जिससे हो सकता है वारदात का लिंक

छतीसगढ़ राज्य की भूपेश बघेल सरकार ने जुलाई 2020 में गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Yojana) की शुरुआत की गई थी. इस योजना में पशुपालकों और ग्रामीणों से 2 रुपये प्रति किलो की दर पर गोबर (Dung) खरीदा जा रहा है.

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Cow Dung News Updates (फाइल फोटो) Cow Dung News Updates (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 जून 2021,
  • अपडेटेड 1:32 PM IST
  • छत्तीसगढ़ के धुरेना गांव से 800 किलो गोबर हुआ चोरी
  • 2 रुपये के हिसाब से 800 किलो गोबर की कीमत 1600 रुपये

छत्तीसगढ़ में कोरबा जिले (Korba district) के एक गांव से गाय का गोबर चोरी होने का मामला सामने आया है. पुलिस के अनुसार 8-9 जून की दरमियानी रात को दिपका पुलिस थाना क्षेत्र के धुरेना गांव से 800 किलो गाय का गोबर (Cow Dung) चोरी हो गया है. जिसकी कीमत 1600 रुपये है. 

गोबर चोरी मामले में शिकायत दर्ज
दिपका थाना प्रभारी हरीश तांडेकर के मुताबिक ग्राम गौथन समिति के अध्यक्ष कमहान सिंह कंवर ने 15 जून को इस मामले में शिकायत दर्ज कराई है. अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत पर मामले की जांच की जा रही है.

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राज्य में 2 रुपये किलो खरीदा जाता है गोबर
राज्य सरकार के मुताबिक कृमि खाद के उत्पादन के लिए गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Yojana) के तहत गाय का गोबर दो रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदा जाता है. गोधन न्याय योजना के तहत गाय का गोबर बेचने के उद्देश्य से भी गोबर (Dung) चोरी की इस वारदात का संबंध हो सकता है.

क्या है गोधन न्याय योजना?
छतीसगढ़ राज्य की भूपेश बघेल सरकार ने जुलाई 2020 में गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Yojana) की शुरुआत की गई थी. इस योजना में पशुपालकों और ग्रामीणों से 2 रुपये प्रति किलो की दर पर गोबर खरीदा जा रहा है. खरीदे गए गोबर से कम्पोस्ट बनाया जाता है, जिससे किसानों को कम दाम पर जैविक खाद उपलब्ध कराई जा रही है. 

गोधन न्याय योजना के मुख्य उद्देश्य...
छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Yojana) से प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के साथ कई अन्य उद्देश से शुरू किया गया.
1. पशुपालकों की आय में वृद्धि.
2. फसलों की चराई पर रोक.
3. जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा एवं रासायनिक उर्वरक उपयोग मे कमी लाना.
4. स्थानीय स्तर पर जैविक खाद की उपलब्धता।
7. भूमि की उर्वरता में सुधार.
8. जैविक खेती को बढ़ावा
9. ग्रामीण एवं शहरी स्तर पर रोजगार के नए अवसर

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