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भारत के किसान आंदोलन की तरह यूरोपीय देश नीदरलैंड में भी ट्रैक्टर आंदोलन, किसानों ने सारे हाईवे ब्लॉक किए

भारत के किसान आंदोलन की तरह नीदरलैंड के किसान भी प्रदर्शन कर रहे हैं. लिहाजा सरकार ने सारे हाईवे ब्लॉक कर दिए हैं. सड़कों पर जाम लगा दिया है. दरअसल किसानों का विरोधसरकार की एक नीति के विरोध में हैं. जिसमें नाइट्रोजन ऑक्साइड और अमोनिया के उत्सर्जन में कमी का लक्ष्य रखा गया है.

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नीदरलैंड में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं (फोटो क्रेडिट-सोशल मीडिया)
नीदरलैंड में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं (फोटो क्रेडिट-सोशल मीडिया)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नीदरलैंड के कई हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे हैं किसान
  • सरकार की नीति के विरोध में सड़कों पर उतरे किसान

यूरोपीय देश नीदरलैंड में इन दिनों सब कुछ सामान्य नहीं है. यहां सड़कें जाम हैं, हाईवे ब्लॉक हैं, ऐसा किसी और ने नहीं, बल्कि किसानों ने किया है. दरअसल, नीदरलैंड में किसानों ने विरोध प्रदर्शन करने के लिए ट्रैक्टर आंदोलन शुरू कर दिया है. इसके तहत किसानों ने एयरपोर्ट बंद कर दिया है. सुपरमार्केट में फूड सप्लाई चेन को रोक दिया है. किसानों का गुस्सा इस बात को लेकर है कि नीदरलैंड की सरकार ने कृषि क्षेत्र से नाइट्रोजन उत्सर्जन को कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. 

नीदरलैंड में किसान देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे हैं, उनका कहना है कि उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है, जबकि बढ़ते प्रदूषण में अन्य उद्योगों के योगदान को नजरअंदाज किया जा रहा है. किसानों का मानना है कि सरकार की उत्सर्जन सीमा अव्यवहारिक है. इससे उनकी आजीविका को खतरा हो सकता है.  प्रदर्शन कर रहे किसान नाराजगी जताते हुए सड़कों पर खाद फैला रहे हैं, घास के ढेर जला रहे हैं. इसके साथ उन्होंने अपने ट्रैक्टरों से हाईवे को ब्लॉक कर दिया है. 

नीदरलैंड्स सरकार एक नीति लेकर आई है. इसके तहत 2030 तक नाइट्रोजन ऑक्साइड और अमोनिया के उत्सर्जन में 50 से 70 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके विरोध में किसानों ने ताल ठोक दी है. किसानों का कहना है कि इससे पशुपालन और खेती दोनों प्रभावित होंगे.

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वहीं, नीदरलैंड की सरकार का मानना है कि नाइट्रोजन ऑक्साइड और अमोनिया का उत्सर्जन प्रदूषण का बड़ा कारण है. लिहाजा सरकार इसमें कमी लाना चाहती है. साथ ही सरकार ने आदेश दिए हैं कि किसान खेती में नाइट्रोजन वाला उर्वरक यूज न करें. वहीं किसानों का तर्क है कि इस फैसले से उनके जीवन पर खतरा मंडरा रहा है.

अपने विरोध के दौरान किसानों ने क्रिस्टियन वैन डेर वाल-ज़ेगेलिंक के घर के पास पुलिस लाइनों को तोड़ते हुए अपने ट्रैक्टरों से सड़क ब्लॉक कर दी. क्रिस्टियन वैन डेर वाल-ज़ेगेलिंक को डच सरकार ने प्रकृति और नाइट्रोजन नीति मंत्री के रूप में देश के प्रदूषण के स्तर को कम करने का काम सौंपा है. 

किसानों के विरोध की निंदा करते हुए डच प्रधानमंत्री मार्क रूट ने कहा था कि आप प्रदर्शन कर सकते हैं, लेकिन सभ्य तरीके से. लिहाजा हाईवे को ब्लॉक करना अनुचित है. उन्होंने कहा कि सड़कें जाम न करें, किसी मंत्री के घर के बाहर आतिशबाजी न करें. खाद फैलाकर अपने बच्चों और परिवार को परिवारों को खतरे में न डालें.

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