ब्रिटेन को यूरोपियन यूनियन से बाहर करने वाली ब्रेग्जिट डील को पक्का करने में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को बड़ी कामयाबी मिली है. ब्रिटेन की संसद में मंगलवार को एक प्रस्ताव पास हो गया है, जिसके मुताबिक यूरोपियन यूनियन से होने वाला ब्रेग्जिट समझौता अब कानून बन सकता है. हालांकि, इसमें एक दिक्कत ये है कि अगले तीन दिनों के भीतर हाउस ऑफ कॉमन्स (ऊपरी सदन) में इसको लेकर सहमति बनानी होगी.
बता दें कि कुछ दिन पहले ही बॉरिस जॉनसन ने यूरोपियन यूनियन के साथ नई ब्रेग्जिट डील तय की थी, जिसके बाद इसको लेकर उम्मीदें जगी थीं. ब्रिटेन को 31 अक्टूबर तक इस डील को पूरा करना है, नहीं तो ब्रेग्जिट अगले दो साल के लिए टल सकता है.
Our new deal means we can leave without disruption and deliver on the priorities of the British people – investing in our NHS, tackling crime and improving our schools. pic.twitter.com/TbjtgkcwCx
— Boris Johnson (@BorisJohnson) October 22, 2019
मंगलवार को ब्रिटिश संसद में हुए मतदान में ब्रेग्जिट डील के हक में 329 वोट पड़े, जबकि विरोध में 299 वोट मिले थे. अब अगर ब्रिटेन का ऊपरी सदन ब्रेग्जिट डील को स्वीकारता है, तो ये डील आगे बढ़ेगी. सदन इस डील की तारीख को आगे बढ़ाने के लिए भी प्रस्ताव कर सकता है, नई डील के तहत यूरोपियन यूनियन को ये प्रस्ताव मान्य होगा. EU की ओर से इस मामले में तीन महीने का एक्सटेंशन मिल सकता है.
नई डील पर आगे बढ़ रहे हैं बोरिस
गौरतलब है कि ब्रिटेन में बोरिस जॉनसन एक लंबे समय से ब्रेग्जिट को लेकर अभियान चला रहे थे, वह इसी अभियान के साथ सत्ता में आए कि वह एक नई डील के साथ समय में ब्रेग्जिट को पूरा करेंगे.
बोरिस जॉनसन ने पिछले महीने ब्रिटेन की महारानी एलिज़ाबेथ को चिट्ठी लिख ब्रिटिश संसद को भंग करने की मांग की थी, लेकिन ब्रिटेन की सुप्रीम कोर्ट ने इसे गलत ठहराया था. बाद में बोरिस जॉनसन ने महारानी से माफी मांगी थी. ब्रेग्जिट डील ना होने की वजह से ही थेरेसा मे को इस्तीफा देना पड़ा था.