इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के बाद ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा है कि वह कमांडर कासिम सुलेमानी के कटे हाथ वाले शव का बदला क्षेत्र से अमेरिका को हटाकर लेंगे. बता दें कि अमेरिका ने 3 जनवरी को बगदाद एयरपोर्ट पर एयरस्ट्राइक कर ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी को उड़ा दिया था.
बुधवार को कैबिनेट सत्र को संबोधित करते हुए रूहानी ने कहा, ''उन्होंने हमारे प्यारे सुलेमानी का हाथ उड़ा दिया. आपने तमाम वीडियो और तस्वीरों में सुलेमानी के शव के पास उनका कटा हाथ देखा होगा. इसका बदला लेने के लिए हम मध्य-पूर्व क्षेत्र से अमेरिका के जमे हुए पैर काट देंगे और उन्हें यहां से उखाड़ फेकेंगे.''
उन्होंने कहा, ''अमेरिका को अगर क्षेत्र से उखाड़ दिया जाता है और उसके आक्रांता वाले हाथों को हमेशा के लिए काट दिया जाता है तो यही हमारा असली बदला होगा और अमेरिका को यही मध्य-पूर्व देशों की तरफ से सबसे करारा जवाब होगा.''
रूहानी ने कहा कि अमेरिकियों ने इस आपराधिक कृत्य को अंजाम देकर गंभीर ऐतिहासिक भूल कर दी है. अगर जनरल सुलेमानी चाहते तो वह क्षेत्र में हजारों अमेरिकियों को निकाल फेंकते लेकिन वह दुनिया और पूरे क्षेत्र के सबसे उदार सैन्य कमांडरों में से एक थे.
रूहानी ने कहा, ''बगदाद में इस आपराधिक गतिविधि करके अमेरिका ने ईरान के सबसे अहम कमांडर को शहीद कर दिया. हमले के दौरान सुलेमानी इराक की सरकार और लोगों के मेहमान थे, ये सब कुछ अंतरराष्ट्रीय नियमों के खिलाफ था.''
रूहानी ने कहा, इसमें कोई शक नहीं है कि सुलेमानी की हत्या के पीछे अमेरिका के दिमाग में कोई मकसद जरूर रहा होगा. वह ईरान के भीतर तनाव के बीज बो रहे हैं और पूरे क्षेत्र में डर पैदा कर रहे हैं.
ईरान के राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिकी इराक-ईरान की सरकारों व लोगों के बीच मतभेद पैदा करने की कोशिश कर रहे
हैं. अमेरिकी क्षेत्रीय समीकरणों को बदलने और क्षेत्र को आतंकवाद से मुक्त
कराने की कोशिशों में शामिल थे लेकिन वे ऐसा करने में असफल रहे.
इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले के बाद ईरान के सुप्रीम नेता अयोतुल्लाह खमनेई ने देश को संबोधित किया. ईरान के सुप्रीम नेता ने कहा कि हमारी मिसाइल स्ट्राइक अमेरिका के मुंह पर तमाचा है. हालांकि, उन्होंने कहा कि ये सैन्य कार्रवाई काफी नहीं है.
खमनेई ने कहा कि मध्य-पूर्व में अमेरिका की अवैध मौजूदगी का अंत होना चाहिए. खमनेई ने कहा कि अमेरिकी सेना की मौजूदगी से युद्ध, मतभेद और विनाश ही पैदा हुआ है.
खमनेई ने कहा कि आज अमेरिकी बेस पर ईरान के बहादुर और साहसी सैनिकों ने सफल हमला किया. उन्होंने कहा, 'हमारा संघर्ष लगातार जारी है और हम शक्तिशाली ताकतों के खिलाफ संघर्ष के लिए एकजुट हैं. ईरान ना तो कभी कमजोर पड़ेगा और ना ही हार मानेगा. ईरान के साथ जो हुआ, हम उसको कभी नहीं भूलेंगे.'
ईरान की मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हुए हमले में 80 अमेरिकी मारे गए हैं. ईरान की रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने बाद में आधिकारिक बयान में कहा, 'ऑपरेशन शहीद सुलेमानी' को बुधवार सुबह अंजाम दिया गया और अमेरिकी ठिकानों पर दर्जनों सतह से सतह मार करने वाली मिसाइलों से हमला किया गया.