इस समय पूरी दुनिया कोरोना वायरस जैसी महामारी से लड़ रही है और डॉक्टर से लेकर वैज्ञानिक तक इसका इलाज ढूंढने में लगे हुए हैं. इसी बीच यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स एमहर्स्ट के रिसर्चर ने एक ऐसा यंत्र बनाने में सफलता पाई है जिससे कोरोना को फैलने से रोकने में मदद मिल सकती है. (फोटो सौ- डेली मेल)
शोधकर्ताओं ने एक यंत्र बनाया है जो खांसने और छींकने की आवाज को खासतौर पर सुनता है और उसे रिकॉर्ड कर पता लगाता है कि सार्वजनिक स्थान पर कितने प्रतिशत लोगों को श्वसन संबंधी बीमारी है. (फोटो सौ- डेली मेल)
इस डिवाइस का नाम फ़्लुइसन है. इस यंत्र को लेकर विश्वविद्यालय परिसर में चार क्लिनिकल ट्रायल के तहत क्लासों में आठ महीने की अवधि तक परीक्षण किया गया.
फ्लुइसन डिवाइस में 'नॉन-स्पीच' ऑडियो सैंपल रिकॉर्ड करने के अलावा लोगों के बढ़ते तापमान को स्कैन करने के लिए एक थर्मल कैमरा भी लगा हुआ है.
इस बनाने वाले सह-निर्माता, तौहिदुर रहमान के मुताबिक, इस डिवाइस का मतलब व्यक्तिगत बीमारी के मामलों को बाहर निकलना नहीं है, लेकिन जनसंख्या स्तर पर रुझानों को लेकर यह देखना है कि क्या कुछ विकसित हो रहा है जो अभी तक मेडिकल परीक्षण में नहीं लिया गया है.
उन्होंने बताया कि 'मैंने सोचा कि अगर हम सार्वजनिक स्थानों से खांसी या छींक की आवाज़ को पकड़ सकते हैं जहां बहुत सारे लोग स्वाभाविक रूप से एकत्र होते हैं, तो हम इस जानकारी का उपयोग महामारी विज्ञान के रुझानों की भविष्यवाणी के लिए डेटा के एक नए स्रोत के रूप में कर सकते हैं,'
डिवाइस के लिए शुरुआती परीक्षण दिसंबर 2018 और जुलाई 2019 के बीच किया गया था. परीक्षण के दौरान फ़्लुएंस उपकरणों ने 21 मिलियन से अधिक गैर-भाषण ऑडियो नमूनों और 350,000 थर्मल छवियों का विश्लेषण किया.