चीन में बेहद खतरनाक रूप ले चुके कोरोना वायरस की वजह से अब तक 2,870 लोगों की जान जा चुकी है. जबकि इससे संक्रमित कन्फर्म मामलों की संख्या बढ़कर 79,824 हो गई है. चीन में उपजे इस वायरस ने चीन की अर्थव्यवस्था को भी बुरी तरह नुकसान पहुंचाया है. इसी बीच एक अच्छी खबर यह है कि चीन में इस वायरस के प्रकोप की वजह से जनवरी के मुकाबले फरवरी में प्रदूषण का स्तर बेहद कम हो गया है.
हालांकि प्रदूषण कम होने के कारण कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से फैक्ट्रियों का बंद होना और सड़कों पर गाड़ियों की संख्या में बेहद कमी को बताया गया है. चीन के उद्योग और यात्रा व्यवस्था पर कोरोना वायरस का बेहद बुरा प्रभाव पड़ा है और इनके बंद होने की वजह से सैटेलाइट इमेज में चीन में प्रदूषण में एक गिरावट दिख रही है.
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने इन तस्वीरों को लेकर कहा है कि यह परिवर्तन आंशिक रूप से वायरस को रोकने के प्रयासों के कारण हुई जो आर्थिक मंदी से संबंधित था. इससे प्रदूषण के स्तर में कमी आई है.
नासा के नक्शे में दिख रहा है कि नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के स्तर, वाहनों, बिजली संयंत्रों और कारखानों से निकलने वाली जहरीली गैस में बड़े पैमाने पर कमी आने की वजह से पहले की तुलना में प्रदूषण का स्तर नीचे गिर गया है. ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में भी कमी आई है.
चीन में औद्योगिक संयंत्रों को बंद करने और लोगों के घर से बाहर नहीं निकलने की वजह से जीवाश्म ईंधन के जलने में तेज गिरावट आई है जो जलवायु संकट का एक प्रमुख कारण है.
बता दें कि चीन में कोरोना वायरस को लेकर चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि उन्हें चीन में शनिवार को संक्रमण के 573 नए कन्फर्म मामलों और 35 लोगों की मौत होने की जानकारी मिली.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के अनुसार, हुबेई प्रांत में 34 और हेनान प्रांत में एक की मौत हुई. आयोग ने कहा कि इस बीच 132 नए संदिग्ध मामले सामने आए हैं.
इसके अलावा शनिवार को 2,623 लोगों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, जबकि गंभीर मामलों की संख्या 7,365 से घटकर 299 हो गई.
शनिवार रात तक कन्फर्म मामलों की कुल संख्या 79,824 तक पहुंच गई, जिसमें 35,329 मरीज जिनका अभी भी इलाज किया जा रहा था, 41,625 मरीज जिन्हें ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है और 2,870 लोग जो बीमारी से मर चुके थे, वे भी शामिल हैं.
आयोग ने कहा कि 851 लोगों के अभी भी वायरस से संक्रमित होने का संदेह है. आयोग के मुताबिक 51,856 लोगों को मरीजों के करीबी संपर्क में होने के कारण चिकित्सा निगरानी में रखा गया है. शनिवार को 8,620 लोगों को चिकित्सा निगरानी से छुट्टी दे दी गई.