जम्मू-कश्मीर का गांदरबल (Ganderbal) जिला, श्रीनगर (Srinagar) से लगभग 21 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित है और इसे "कश्मीर घाटी का प्रवेशद्वार" भी कहा जाता है. यह इलाका अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक महत्त्व और सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है.
गांदरबल सिंध नदी के किनारे बसा हुआ है, जो इसे हराभरा और उपजाऊ बनाती है. यहां की घाटियां, बर्फीली चोटियां और झरने इसे एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बनाते हैं सोनमर्ग, जो कि गांदरबल जिले का हिस्सा है, ट्रेकिंग और ग्लेशियर विजिट्स के लिए मशहूर है. थाजिवास ग्लेशियर और बालताल जैसे स्थान अमरनाथ यात्रा के दौरान महत्वपूर्ण पड़ाव बनते हैं.
गांदरबल की संस्कृति कश्मीरी परंपराओं से गहराई से जुड़ी हुई है. यहां के लोग मूलतः कश्मीरी हैं और उनकी जीवनशैली, वेशभूषा और भाषाएं कश्मीर की समृद्ध परंपरा को दर्शाती हैं. कश्मीरी भाषा के अलावा यहां उर्दू और हिंदी भी बोली जाती है.
यहां की अर्थव्यवस्था कृषि और पर्यटन पर आधारित है. सेब, अखरोट और केसर की खेती यहां प्रमुख रूप से होती है. इसके अलावा, हैंडीक्राफ्ट्स और कालीन बुनाई भी लोगों के लिए आय के महत्वपूर्ण स्रोत हैं.
गांदरबल में एक बड़ा हादसा हुआ है. एक बस उफनती नदी में जा गिरी. भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने इस बस को किराये पर लिया हुआ था. इस हादसे में बस के ड्राइवर को कई चोटें आई हैं. जो व्यक्ति घायल हुआ है, वह बस का ड्राइवर है. बस के नदी में गिरने की तस्वीरें भी सामने आई हैं. इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन और बचाव दल मौके पर पहुँच गए हैं.
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद जहां भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया तो वहीं कश्मीर घाटी में पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आ गई. वहां हलचल भी काफी सीमित हो गई. लेकिन अब हमले के बाद कश्मीर स्थित गांदरबल में खीर भवानी मेले के रूप में पहला बड़ा आयोजन हो रहा है. इसके लिए सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं.