स्कैमर्स लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. ऐसा ही एक तरीका पार्सल स्कैम का है. हालांकि, साइबर क्रिमिनल्स अपने अपराध के तरीकों में थोड़ा बहुत फेरबदल करते रहते हैं, जिससे लोगों को आसानी से फंसाया जा रहे. ऐसा ही एक मामला मंगलुरु से सामने आया है.
यहां स्कैमर्स ने एक रिटायर्ड इंजीनियर से 1.6 करोड़ रुपये की ठगी की है. पुलिस ने गुरुवार को बताया कि स्कैमर्स ने पीड़ित से जांच के लिए 'कॉशन मनी' के नाम पर ठगी की है. दरअसल, स्कैमर ने खुद को एक इंटरनेशनल कुरियर सर्विस का कर्मचारी बताते हुए रिटायर्ड इंजीनियर को कॉल किया था.
स्कैमर ने पीड़ित को बताया कि उनके नाम पर एक पार्सल मिला है, जिसमें ड्रग्स और कई डॉक्टूमेंट्स मिले हैं. जांच एजेंसियों को इस बारे में जानकारी है. पुलिस ने बताया कि स्कैमर्स ने पीड़ित से कॉशन डिपॉजिट के लिए कहा. कॉशन डिपॉजिट यानी जांच के लिए पैसे जमा करने के लिए कहा था.
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ठगों ने कहा कि जांच के बाद उनके पैसे रिटर्न कर दिए जाएंगे. पुलिस ने बताया कि पीड़ित ने स्कैमर्स के जाल में फंसकर 1.6 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए. कथित ट्रांजेक्शन 2 मई से 6 मई के बीच हुए हैं. मामले का खुलासा तब हुआ, जब पीड़ित ने अपनी बेटी को इसके बारे में जानकारी दी. पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है.
पार्सल के नाम पर अब तक कई फ्रॉड्स हो चुके हैं. ज्यादातर मामलों में स्कैमर्स लोगों को फोन करते हैं और बताते हैं कि उनके नाम पर एक इंटरनेशनल पार्सल मिला है. इसमें ड्रग्स और कुछ डॉक्यूमेंट्स मिले हैं, जिसकी जांच अब सेंट्रल एजेंसियां करेंगी. कई बार आधार कार्ड मिलने की बात भी कहते हैं.
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यहां से स्कैमर्स अपने फ्रॉड का तरीका कई बार बदल देते हैं. कुछ लोगों को डिजिटल अरेस्ट किया जाता है और जांच से बचने के लिए उनसे पैसे लिए जाते हैं. वहीं हाल के मामले में जांच के नाम पर कॉशन मनी लिया गया है. इसमें फ्रॉड्स ने बोला था कि जांच के बाद उनके पैसे वापस कर दिए जाएंगे.
डिजिटल वर्ल्ड में सुरक्षित रहने के लिए आपका जागरूक रहना जरूरी है. कुछ बातों का ध्यान रखकर आप खुद को किसी भी साइबर फ्रॉड से बचा सकते हैं. इसके लिए आपको सतर्क रहने की जरूरत है. सबसे पहले आपको किसी अनजान शख्स से अपनी पर्सनल डिटेल्स शेयर नहीं करनी चाहिए.
अगर कभी आपको अनजान नंबर से फोन आता है और जांच के नाम पर धमकाया जाता है, तो आपको घबराना नहीं चाहिए. जांच एजेंसियां आपको फोन करके कार्रवाई नहीं करती हैं. इसलिए आपको ऐसे किसी भी मामले की जानकारी तुरंत ही साइबर क्राइम पुलिस को देनी चाहिए. आप ऐसे साइबर फ्रॉड से जुड़े मामलों की जानकारी 1930 पर भी दे सकते हैं.