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OPINION| T20 World Cup Team India: टी20 वर्ल्ड कप के लिए 'रोहित सेना' दमदार, पर ये खामी बढ़ा रही टेंशन

रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम इंडिया वर्ल्ड कप अभियान पर निकल चुकी है. इस टीम के सामने 15 साल बाद टी20 वर्ल्ड कप जीतने की बड़ी चुनौती है. टीम ने पिछली घरेलू द्विपक्षीय सीरीज में जमकर मेहनत की. अब नतीजे हासिल करने का समय आ गया है.

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Team India (Getty)
Team India (Getty)

टीम इंडिया कंगारुओं की धरती पर कदम रख चुकी है. रोहित ब्रिगेड के पास एकमात्र लक्ष्य 15 साल बाद एक बार फिर टी20 वर्ल्ड कप पर कब्जा करना है. ऑस्ट्रेलियाई धरती पर 16 अक्टूबर से आईसीसी ट्रॉफी के लिए जोरदार जद्दोजहद शुरू हो जाएगी. हाल ही में एशिया कप के दौरान संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में हुई किरकिरी के बाद भारतीय टीम ने अपने घर में ऑस्ट्रेलिया और उसके बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 सीरीज जीतकर प्रशंसकों को राहत जरूर दी है.  

द्विपक्षीय टी20 सीरीज में टीम इंडिया का जलवा

दरअसल, पिछले टी20 वर्ल्ड कप के ग्रुप स्टेज से ही बाहर होने के बाद से टीम इंडिया ने द्विपक्षीय टी20 सीरीज में कमाल कर दिखाया है. यूएई में पिछले साल विराट ब्रिगेड की बेइज्जती के बाद से रोहित शर्मा की अगुआई में भारतीय टीम ने अपराजेय रहते हुए एक के बाद एक 8 द्विपक्षीय टी20 सीरीज अपने नाम की. इसी कड़ी में मौजूदा वर्ल्ड चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया पर 2-1 से सीरीज जीत बेहद खास मानी जा सकती है, हालांकि कंगारू टीम अपने कई स्टार खिलाड़ियों के बिना उतरी थी. 

... पर भारतीय टीम को लग चुके हैं झटके 

अब तो उम्मीद लगाई जा रही है कि टीम इंडिया आगामी टी20 वर्ल्ड कप के लिए पूरी ताकत झोंकते हुए खिताबी दौड़ में खुद को आगे रखेगी. साउथ अफ्रीका के खिलाफ अपने घर में पहली बार टी20 सीरीज जीत के बावजूद भारतीय टीम प्रबंधन की टेंशन कम नहीं हुई है. विश्व कप अभियान में उतरने से पहले ही भारतीय टीम को झटके लग चुके हैं. सच तो यह है कि चोटों के कारण तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा के इस बड़े टूर्नामेंट से बाहर हो जाने से टीम का संतुलन कुछ बिगड़ गया है.

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बुमराह और जडेजा की कमी जरूर खलेगी

खासकर डेथ ओवरों में अपने 'अचूक यॉर्कर' से बल्लेबाजों को चित करने वाले बुमराह की कमी जरूर खलेगी, जबकि ऑस्ट्रेलिया के बड़े मैदानों पर जडेजा की गैरमौजूदगी तीनों विभागों (बॉलिंग-फील्डिंग-बैटिंग) में महसूस की जाएगी. उनकी जगह रखे गए अक्षर पटेल के लिए अपनी सफलताओं को वहां दोहराना आसान नहीं होगा, हालांकि उन्होंने भारतीय परिस्थितियों में बेहतरीन प्रदर्शन कर दिखाया है. उल्लेखनीय है कि अक्षर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज के तीन मैचों में 8 विकेट (10-0-63-8) चटकाकर प्लेयर ऑफ द सीरीज रहे.

अर्शदीप सिंह (Getty)

डेथ बॉलिंग टीम इंडिया के लिए सबसे बड़ी चिंता 

दरअसल, डेथ बॉलिंग भारत के लिए सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है. माना जा रहा है कि डेथ ओवर्स में अर्शदीप सिंह की जिम्मेदारी बढ़ जाएगी. अर्शदीप ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 सीरीज के पहले दो मैचों में खूब रन (8.0-0-94-5) लुटाए. हालांकि बाएं हाथ के इस नवोदित पेसर ने तिरुवनंतपुरम में अपने पहले ही ओवर में 3 विकेट निकाले. इसके बाद गुवाहाटी में भी उन्होंने अपने पहले ओवर में 2 विकेट लेकर 238 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा कर रही अफ्रीकी टीम को बैकफुट पर धकेल दिया था. इंदौर के अपेक्षाकृत छोटे होल्कर स्टेडियम में खेले गए तीसरे मैच में भारत के तेज आक्रमण का जिम्मा संभाल रहे दीपक चाहर, मोहम्मद सिराज, उमेश यादव और हर्षल पटेल ने 11 से ज्यादा की इकोनॉमी से रन लुटाए. 

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भारतीय टीम की असली ताकत उसकी बैटिंग

स्पष्ट है, टीम इंडिया की असली ताकत उसकी बल्लेबाजी है. भारतीय बल्लेबाजों ने पिछले कुछ मैचों में अपनी छाप छोड़ी है. कमजोर कड़ी साबित हो रहे सलामी बल्लेबाज केएल राहुल फॉर्म में लौटने के संकेत दे चुके हैं. चौथे नंबर पर सूर्यकुमार यादव बड़ी शक्ति बनकर उभरे हैं. रोहित और विराट कोहली भी टीम की जरूरत के हिसाब से बल्ला चला रहे हैं. दूसरी तरफ, दिनेश कार्तिक ने जितने भी मौके मिले उनका उन्होंने भरपूर फायदा उठाया. 
 

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