मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं, जहां मुख्यमंत्री मोहन यादव एक तरफ दक्षता की बात करते हैं, वहीं दूसरी ओर राजधानी भोपाल में लाखों की मोबाइल ड्रग टेस्टिंग लैब कबाड़ में सड़ रही है, 5500 से ज़्यादा दवाइयों के सैंपल जांच के इंतज़ार में हैं और लैब में दर्जनों पद खाली पड़े हैं. मुख्यमंत्री मोहन यादव कहते हैं कि ‘प्रधानमंत्री के आशीर्वाद से ऐसे किसी गलत काम को हम बर्दाश्त करने वाले नहीं हैं और खास कर बच्चों के लिए तो हमारे लिए मन में संवेदना भी है.’