आर्मी ट्रेनिंग के दौरान,अफसर ने पूछा: 'ये हाथ में क्या है'?
सुरेश: “सर, बन्दूक है !”
अफसर : “ये बन्दूक नहीं! तुम्हारी इज़्ज़त है, शान है, ये तुम्हारी मां है मां !!”
फिर अफसर ने दूसरे सिपाही रमेश से पूछा: “ये हाथ में क्या है?”
रमेश: सर,ये सुरेश की मां है, उसकी इज़्ज़त है, उसकी शान है और हमारी मौसी है मौसी..!
सर बेहोश…
गप्पू जंगल से जा रहा था तभी एक पैर में सांप ने काट लिया,
गप्पू को गुस्सा आया और टांग आगे करके बोला: ले काट ले जितना काटना है.
सांप ने 3-4 काटा और थक कर बोला: अबे तू इंसान है या भूत?
गप्पू: मैं तो इंसान ही ठहरा पर मेरा ये पैर नकली है...
पति और पत्नी कहीं जा रहे थे
तभी एक भिखारी वहां से गुजरा और आवाज लगाई-
‘ऐ हुस्न की मल्लिका, अंधे को 5 रूपए दे दे’
पति ने पत्नी की तरफ देखा और बोला-
‘दे दो, बेचारा वाकई अंधा है…’
पापा- नालायक, तूने मम्मी से ऊंची आवाज में बात की.
बेटा- मुझे पता है पापा आपको जलन हो रही है.
पापा- नहीं, मुझे कैसी जलन.
बेटा- क्योंकि आप ऐसा नहीं कर सकते.
पत्नी- मेरा वजन कैसे कम होगा?
पति- अपनी गर्दन को दाएं से बाएं हिलाती रहो.
महिला- अच्छा, पर ये किस समय करूं?
पति- जब कोई खाने को पूछे !
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पड़ोसी ने पूछा- आपके घर से डेली हंसी की आवाज आती है.आखिर इस खुशहाल जीवन का राज क्या है?
दूसरे पड़ोसी ने कहा- भाई, दरअसल बात ये है कि मेरी बीवी रोज मुझे जूते फेंक कर मारती है. अगर लग जाए तो वो हंसती है, ना लगे तो मैं हंसता हूं.बस, ऐसे ही हमारी जिंदगी खुशहाल गुजर रही है.
पड़ोसी सुनते ही बेहोश!
दुकानदार- बहनजी आप दुकान पर आती हैं, गहने देखती हैं पर कुछ लेती क्यों नहीं?
कस्टमर- हमेशा लेती हूं पर आप ध्यान नहीं देते.
दुकानदार अभी आईसीयू में है...
डॉक्टर - कहिए कैसे आना हुआ...
राजू- डॉक्टर साहब लिवर में बहुत दर्द हो रहा है.
डॉक्टर- शराब पीते हो ?
राजू- हां-हां बिल्कुल पर छोटा पैक ही बनाना.
चिंटू जंगल में जा रहा था, अचानक भालू देखकर सांस रोककर जमीन पर लेट गया
ये देखकर भालू आया और चिंटू के कान में बोला- भूख नहीं है, वरना सारी होशियारी निकाल देता...
चिंटू: क्या तुम्हें जापानी भाषा बोलनी आती है?
पिंटू: हां एकदम अच्छे से आती है, बस अंग्रेजी में लिखी होनी चाहिए.
(डिस्क्लेमरः इस सेक्शन के लिए चुटकुले वॉट्सऐप व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर हो रहे पॉपुलर कंटेंट से लिए गए हैं. इनका मकसद सिर्फ लोगों को थोड़ा गुदगुदाना है. किसी जाति, धर्म, मत, नस्ल, रंग या लिंग के आधार पर किसी का उपहास उड़ाना, उसे नीचा दिखाना या उसपर टीका-टिप्पणी करना हमारा उद्देश्य कतई नहीं है.)