एक तरफ पूरे देश में कोरोना के खिलाफ जंग जारी है, वहीं दूसरे तरफ उत्तर प्रदेश में बसों पर सियायी संग्राम छिड़ा हुआ है. बस पॉलिटिक्स पर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी और सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आमने-सामने आ गए हैं.
दरअसल, कांग्रेस ने श्रमिकों के लिए यूपी में एक हजार बसें भेजने का प्रस्ताव रखा था, जिसे योगी सरकार ने पहले खारिज कर दिया था. प्रियंका द्वारा बार-बार श्रमिकों के मुद्दे को उठाए जाने के बाद सीएम योगी ने उनकी इस मांग को स्वीकार कर लिया और बसों की पूरी डिटेल भेजने को कहा. जब कांग्रेस की ओर से बसों की लिस्ट भेजी गई तो बसों की फिटनेस और अन्य तरह के सवाल खड़े होने लगे. चार दिनों की जद्दोजहद के बाद भी बसों को चलाने की अनुमित नहीं मिली और अब बॉर्डर पर खड़ी बसें लौटने लगी हैं. आइए टाइमलाइन के जरिए समझते हैं 'बस पॉलिटिक्स' का पूरा घटनाक्रम...
16 मईः प्रियंका ने 1000 बसों की अनुमति मांगी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 16 मई को ट्वीट कर कहा था कि हमारे कामगार भाई-बहन और उनके बच्चे संकट के दौर से गुजर रहे हैं. इस परिस्थिति का हवाला देते हुए प्रियंका ने प्रवासी श्रमिकों के लिए 1000 बसें भेजने के लिए प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी थी.
आज यूपी सरकार को पत्र लिखकर कांग्रेस की तरफ से 1000 बसें चलाने की अनुमति मांगी है।
रोज होती दुर्घटनाएं, असहनीय पीड़ा, अमानवीय हालात। हमारे कामगार भाई-बहन और उनके बच्चे संकट के दौर से गुजर रहे हैं।
मैंने सरकार से पहले भी अपील की है कि कृपया बसें चलाकर पैदल चल रहे.. 1/2 pic.twitter.com/Bw2EOIkgil
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 16, 2020
- यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लखनऊ स्थित कार्यालय में प्रियंका गांधी का पत्र सौंपा.
17 मई...
राजस्थान कांग्रेस के एक कैबिनेट मंत्री ने 17 मई को दावा किया कि राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश में 500 निजी बसों को प्रवासी श्रमिकों के लिए तैयार रखा है, लेकिन उन्हें योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है. इसके बाद प्रियंका गांधी ने ट्वीट करके परमिशन देने का अनुरोध किया.
हमारी बसें बॉर्डर पर खड़ी हैं। हजारों की संख्या में राष्ट्र निर्माता श्रमिक और प्रवासी भाई-बहन धूप में पैदल चल रहे हैं।
परमीशन दीजिए @myogiadityanath जी, हमें अपने भाइयों और बहनों की मदद करने दीजिए pic.twitter.com/kNyxdKyxZA
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 17, 2020Advertisement
- रविवार का प्रियंका गांधी ने फिर ट्वीट किया और कहा कि बसें बॉर्डर पर खड़ी हैं. बसों को प्रवेश की अनुमति दीजिए ताकि पैदल जा रहे मजदूरों की मदद की जा सके. हालांकि इस दिन भी परमिशन नहीं दी गई और बॉर्डर पर खड़ी बसें वापस खाली भेज दी गईं.
आदरणीय मुख्यमंत्री जी, मैं आपसे निवेदन कर रही हूँ, ये राजनीति का वक्त नहीं है। हमारी बसें बॉर्डर पर खड़ी हैं। हजारों श्रमिक, प्रवासी भाई बहन बिना खाये पिये, पैदल दुनिया भर की मुसीबतों को उठाते हुए अपने घरों की ओर चल रहे हैं। हमें इनकी मदद करने दीजिए। हमारी बसों को परमीशन दीजिए। pic.twitter.com/K2ldjDaSRd
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 17, 2020
18 मई...
- सोमवार को योगी सरकार ने प्रियंका गांधी के मजदूरों के लिए बसें भेजने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया. उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने प्रियंका गांधी वाड्रा को जवाबी पत्र में कहा कि मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र में प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए अपने स्तर पर 1,000 बसों को चलाने के आपके प्रस्ताव को स्वीकार किया जाता है.
- सरकार की ओर से कांग्रेस पार्टी और प्रियंका गांधी वाड्रा से एक हजार बसों की सूची, चालक और परिचालक का नाम और अन्य विवरण उपलब्ध कराने को कहा गया.
- प्रियंका गांधी ने योगी सरकार के इस फैसले पर आभार जताते हुए धन्यवाद कहा. वहीं, यूपी कांग्रेस की ओर से बसों की लिस्ट भेजने की जानकारी दी गई.
..हमें उप्र में पैदल चलते हुए हजारों भाई-बहनों की मदद करने के लिए, कांग्रेस के खर्चे पर 1000 बसों को चलवाने की इजाजत देने के लिए आपको धन्यवाद।
आपको उप्र कांग्रेस की तरफ से मैं आश्वस्त करती हूँ कि हम सकारात्मक भाव से महामारी और उसके चलते लॉकडाउन की वजह से पीड़ित उप्र के..2/3
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 18, 2020Advertisement
योगी सरकार की ओर से बसों को लखनऊ भेजने के लिए कहा गया, जिस पर कांग्रेस पार्टी की ओर से असमर्थता जताई गई थी. क्योंकि बॉर्डर से खाली बसें वहां भेजनी पड़तीं.
फिर यूपी सरकार के गृह विभाग ने प्रियंका गांधी वाड्रा के सचिव को लिखे खत में कहा कि 500 बसें गाजियाबाद के साहिबाबाद में और 500 बसें नोएडा में उपलब्ध करा दीजिए. सभी बसों को दोनों जिलों के जिलाधिकारी रिसीव करेंगे.
19 मई
- मंगलवार को प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह ने अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी को पत्र लिखकर कहा था कि ज्यादा बसें होने के चलते उनकी परमिट लेने में कुछ समय लग रहा है, लेकिन शाम पांच बजे तक सभी बसें यूपी बॉर्डर पर पहुंच जाएंगी.
- वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार ने दावा किया था प्रियंका के ऑफिस की तरफ से दी गई लिस्ट में कुछ नंबर मोटरसाइकिल, कार और तिपहिया वाहनों के हैं.
- दोपहर में आगरा प्रशासन द्वारा बॉर्डर पर खड़ी बसों को अनुमति न दिए जाने पर प्रियंका गांधी ने फिर योगी सरकार को पत्र लिखा और कहा कि तीन घंटे से बसों को प्रवेश की अनुमित नहीं दी जा रही है. आपसे अनुरोध है कि बसों को अनुमति दी जाए.
- इस बीच योगी सरकार में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह का बयान सामने आया. उन्होंने कहा कि प्रवासियों श्रमिकों के लिए कांग्रेस की कोई सहानुभूति नहीं है. वो केवल इस मुद्दे का राजनीतिकरण करना चाहती है.
- शाम को यूपी परिवहन विभाग ने कांग्रेस द्वारा भेजी गई बसों की लिस्ट में करीब 492 वाहनों की पड़ताल का दावा किया. इसमें कहा गया कि 70 बसों का कोई सरकारी रिकॉर्ड नहीं है. 59 बसें अनफिट हैं और 29 के इंश्योरेंस नहीं हैं. कांग्रेस की बसों की लिस्ट में 31 ऑटो, 69 एंबुलेंस और ट्रक जैसे वाहन हैं.
- वहीं, आगरा बॉर्डर पर बसों को अनुमति न दिए जाने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता यूपी कांग्रेस चीफ के नेतृत्व में धरने पर बैठ गए. इस दौरान उनकी पुलिस से नोकझोंक भी हुई. बाद में उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
-देर शाम खबर आई कि बसों की लिस्ट में गड़बड़ी के आरोप में प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया गया है.
20 मई
- रात से ही यूपी-राजस्थान बॉर्डर से महज 300 मीटर की दूरी पर कांग्रेस की ओर से मंगाई गई 400 बसें खड़ी रहीं. आगरा प्रशासन का कहना था कि इन बसों को प्रवेश देने का कोई आदेश अभी नहीं आया है. हालांकि, प्रशासन की ओर से ई-पास और ई-एनओसी जारी बाकी बसों और गाड़ियों को आने दिया जा रहा था.
- प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिेनेश शर्मा का आरोप था कि कांग्रेस सियासत कर रही है. अगर कांग्रेस बिना जांच किए लोगों को ऐसे भेजेगी तो कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ेगा. इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा.
- रायबरेली से कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह ने इस पूरे मसले पर अपनी पार्टी के रुख की कड़ी आलोचना की. अदिति सिंह ने कहा है कि ये क्रूर मजाक है.
- दोपहर 3.30 बजे प्रियंका गांधी ने सोशल मीडियो के जरिए संबोधित किया. इस दौरान प्रियंका योगी सरकार पर जमकर बरसीं. प्रियंका गांधी ने साफ कहा कि इन बसों को इस्तेमाल करना है तो कीजिए, अगर इस्तेमाल नहीं करना तो हम इन्हें वापस भेज देंगे. जैसे तीन दिन पहले सीएम योगी के ऐलान के बाद भेजा था.
- प्रियंका ने कहा कि जिस तरह से हम लोगों की मदद कर रहे हैं, उसी तरह करते रहेंगे. हमें इससे फर्क नहीं पड़ता कि आपकी बसें हैं या हमारी. हम सिर्फ सेवा भाव से मदद करना चाह रहे हैं.
- शाम 5 बजे के करीब राजस्थान-यूपी बॉर्डर पर खड़ी बसें वापस लौटने लगी. ये बसें खाली वहां से लौट रही थीं.
-इसके बाद से योगी सरकार की ओर से कोई बयानबाजी नहीं हुई है....