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तेलंगाना: ऑस्ट्रेलियाई लोगों को निशाना बनाने वाले फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, 9 गिरफ्तार

साइबराबाद पुलिस ने एक फेक कॉल सेंटर चलाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. साथ ही इस गिरोह के 9 लोगों को गिरफ्तार भी किया है. पिछले दो सालों में गिरोह ने अनजान पीड़ितों, खासकर ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों से 8-10 करोड़ रुपये जमा किए और ट्रांसफर किए.

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साइबराबाद में फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश. (Photo: Representational )
साइबराबाद में फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश. (Photo: Representational )

साइबराबाद पुलिस ने ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को टारगेट करने वाले 'इंटरनेशनल फेक कॉल सेंटर' चलाने वाले एक गिरोह का फंडाफोड़ किया है. साथ ही 9 लोगों को गिरफ्तार भी किया है. इस बात की जानकारी एक पुलिस अधिकारी ने एक न्यूज एजेंसी को दी. अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान यह पता चला है कि मुख्य आरोपी प्रवीण और प्रकाश ने कॉल सेंटर में काम करने के लिए कोलकाता से लोगों को लाया था.

शनिवार को साइबराबाद पुलिस की एक रिलीज़ के अनुसार धोखेबाजों ने ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को कॉल किया और उन्हें धोखा देकर उनके बैंक अकाउंट से ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले भारतीय नागरिकों के अलग-अलग ऑस्ट्रेलियाई अकाउंट में बड़ी रकम ट्रांसफर कर दी. यह पैसा गैर-कानूनी तरीके से कमाया गया था.

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पिछले दो सालों में, ग्रुप ने कथित तौर पर अनजान पीड़ितों, खासकर ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों से 8-10 करोड़ रुपये जमा किए और ट्रांसफर किए. मुख्य आरोपी तेलंगाना के खम्मम जिले का रहने वाला था. रिलीज़ में कहा गया है कि मुख्य आरोपी ने कोलकाता से सात लोगों को काम पर रखा था. उन्हें माधापुर में ठहराया और उन्हें ऑस्ट्रेलियाई लोगों को धोखाधड़ी वाली कॉल करने की ट्रेनिंग दी.

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आरोपियों ने ऑस्ट्रेलिया में पढ़ रहे भारतीय स्टूडेंट्स से बैंक अकाउंट की डिटेल्स भी इकट्ठा कीं और उन अकाउंट्स का इस्तेमाल गैर-कानूनी तरीके से कमाए गए पैसे लेने के लिए किया. जांच में एक कोऑर्डिनेटेड इंटरनेशनल साइबर फ्रॉड का पता चला. जिसमें प्रवीण और उनकी टीम को एक अनजान ग्रुप से "लीड्स" मिलीं. इस ग्रुप ने ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को नकली पॉप-अप और ईमेल भेजे और कहा कि उनके कंप्यूटर से छेड़छाड़ की गई है. इसके बाद उन्हें एक नकली "कस्टमर केयर" नंबर दिया गया.

जब पीड़ित उस नंबर पर कॉल करते थे, तो कॉल माधापुर के कॉल सेंटर पर रूट हो जाती थीं. फिर आरोपियों ने पीड़ितों को अपने कंप्यूटर तक रिमोट एक्सेस देने के लिए मनाया. इसके बाद उनके ऑनलाइन बैंकिंग अकाउंट्स में एंट्री की और भारतीय नागरिकों के ऑस्ट्रेलियाई बैंक अकाउंट्स में बड़ी रकम ट्रांसफर कर दी. पुलिस ने कहा कि बाद में यह पैसा हवाला, क्रिप्टोकरेंसी और दूसरे गुप्त तरीकों से भारत भेजा गया.

खम्मम के दो और लोग सेंटर का रोज़ का काम देखते थे. रिलीज़ में कहा गया है कि नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. लेकिन इसमें शामिल बाकी लोगों को अभी पकड़ा जाना बाकी है. 

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