सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद चुनाव आयोग 2020 से इस कवायद में जुटा है कि, कम से कम दागी प्रत्याशी मैदान में उतरें. लेकिन इस मामले में सारे दल एक दूसरे को चुनौती देते नजर आते हैं. एक बार फिर मुख्य चुनाव आयुक्त ने सख्त लहजे में कहा है कि, दागी उम्मीदवारों को 3 बार लोकप्रिय स्थानीय अखबारों में इसका ब्यौरा देना होगा कि, उनके ऊपर कितने आपराधिक केस दर्ज हैं. इतना ही नहीं पार्टियों को भी अपनी वेबसाइट पर प्रमुखता से बताना होगा कि, ऐसी क्या मजबूरी थी, जो दागी प्रत्याशी को उन्हें चुनना पड़ा.
After the intervention of the Supreme Court, the Election Commission has been engaged in this exercise since 2020 to ensure that at least tainted candidates contest. But in this matter all the parties are seen challenging each other.