1984 में भारतीय सेना ने पहली बार सियाचिन ग्लेशियर पर कदम रखा था. यह दुनिया का सबसे दुर्गम इलाका है, जहाँ चोटियां 16,000 से 25,000 फीट तक ऊंची हैं. सियाचिन पर तैनाती से पहले जवानों को तीन महीने की कड़ी ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है. वहाँ ऑक्सीजन की कमी और कठोर परिस्थितियों में रहना बड़ी चुनौती है.