भारतीय विदेश नीति में रूस हमेशा से ही दिल्ली का भरोसेमंद साझेदार रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का रिश्ता भी आज का बना हुआ समीकरण नहीं है. दोनों नेताओं की जान-पहचान और व्यक्तिगत ‘केमिस्ट्री’ करीब ढाई दशक पुरानी है. इसी कड़ी में 2001 का मॉस्को दौरा आज भी भारत-रूस संबंधों की मजबूत नींव के रूप में याद किया जाता है. देखें तस्वीर में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के साथ तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर.
ये वह दौर था जब अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे और नरेंद्र मोदी ने हाल ही में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था. रूस के साथ रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा देने के लिए उस साल भारतीय प्रतिनिधिमंडल मॉस्को गया था.
आर्काइव फोटो और आधिकारिक रिकॉर्ड से ये साफ होता है कि मोदी इस उच्चस्तरीय दौरे का हिस्सा थे, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री वाजपेयी के साथ अलग-अलग बैठकों, औपचारिक कार्यक्रमों और द्विपक्षीय वार्ताओं में हिस्सा लिया. उस समय भारत और रूस के बीच 'स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप' को औपचारिक रूप दिया जा रहा था. रक्षा, अंतरिक्ष, ऊर्जा और विज्ञान-तकनीक पर कई अहम समझौते उसी कालखंड में मजबूत हुए और आगे चलकर यही ढांचा आने वाले वर्षों में पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की बैठकों में और गहरा होता गया.
देखा जाए तो पीएम मोदी का रूस से जुड़ाव प्रधानमंत्री बनने से बहुत पहले का है. राष्ट्रपति पुतिन अब एक बार फिर भारत आ रहे हैं. 4 और 5 दिसंबर 2025 को होने वाले 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए पुतिन यहां आ रहे हैं. ऐसे में 2001 के मॉस्को के दृश्य एक बार फिर चर्चाओं में हैं जो बताते हैं कि दोनों देशों का ये 'पुराना याराना' कैसे दशकों से कायम है और समय के साथ और मजबूत होता गया है.
मॉस्को के उस दौरे की तस्वीर और आज के दौर की ये तस्वीर भारत-रूस संबंधों के लंबे और भरोसेमंद इतिहास की गवाही देती है. पुतिन भारत-रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे होने के मौके पर भारत आ रहे हैं. वह 23वें द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. भारत की ज़मीन पर कदम रखते ही, पुतिन स्पेशल सिक्योरिटी कवर के बीच आ जाएंगे.
पुतिन विजिट के दौरान दोनों देशों के बीच कई एग्रीमेंट डील होने की उम्मीद है. पीएम नरेंद्र मोदी के इनविटेशन पर पुतिन भारत आ रहे हैं और रूसी लीडर के यूक्रेन के खिलाफ़ जंग शुरू करने के बाद यह उनका पहला विज़िट है. बातचीत के बाद बड़े ऐलान और एग्रीमेंट पर साइन होने की उम्मीद है, जिसके बाद एक जॉइंट मीडिया स्टेटमेंट जारी किया जाएगा.