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'माफी मांगने का सवाल ही नहीं...', ऑपरेशन सिंदूर पर बयान से विवाद बढ़ने पर बोले पृथ्वीराज चव्हाण

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर दिए गए बयान पर घिरे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व महाराष्ट्र मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने साफ कहा है कि वो माफी नहीं मांगेंगे और संविधान ने उन्हें सवाल पूछने का पूरा अधिकार दिया है.

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महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने ऑपरेशन सिंदूर पर बयान से विवाद बढ़ने पर माफी मांगने से इनकार कर दिया. (Photo- PTI)
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने ऑपरेशन सिंदूर पर बयान से विवाद बढ़ने पर माफी मांगने से इनकार कर दिया. (Photo- PTI)

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारत की सैन्य कार्रवाई पर सवाल उठाकर विवादों में आए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व महाराष्ट्र मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने अपने बयान पर कायम रहने की बात दोहराई है. चव्हाण ने कहा है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा और माफी मांगने का कोई सवाल ही नहीं उठता.

पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि उन्होंने अपने बयान में कुछ भी गलत नहीं कहा और संविधान ने उन्हें सवाल पूछने का अधिकार दिया है. पुणे में मीडिया से बातचीत के दौरान चव्हाण ने कहा, मैंने कुछ गलत नहीं कहा है. माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता. हमारे संविधान ने मुझे सवाल पूछने का अधिकार दिया है.

दरअसल, पृथ्वीराज चव्हाण ने दावा किया था कि ऑपरेशन सिंदूर के पहले दिन भारतीय वायुसेना को भारी नुकसान उठाना पड़ा था और भारतीय विमान मार गिराए गए. चव्हाण ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर के पहले दिन हम पूरी तरह हार गए थे. 7 मई को जो आधे घंटे का हवाई संघर्ष हुआ, उसमें हमें पूरी तरह से पराजय मिली, चाहे लोग मानें या न मानें. भारतीय विमानों को मार गिराया गया. वायुसेना पूरी तरह से ग्राउंडेड थी और एक भी विमान नहीं उड़ा.

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'वायुसेना को ग्राउंड पर रखा गया'

उन्होंने आगे दावा किया, अगर ग्वालियर, बठिंडा या सिरसा से कोई भी विमान उड़ान भरता तो उसके पाकिस्तान द्वारा मार गिराए जाने की पूरी संभावना थी. इसी वजह से वायुसेना को पूरी तरह ग्राउंड पर रखा गया.

इतना ही नहीं, पूर्व मुख्यमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान थलसेना की भूमिका पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि इस सैन्य कार्रवाई के दौरान जमीन पर सेना की एक किलोमीटर तक भी कोई मूवमेंट नहीं हुई. पृथ्वीराज चव्हाण ने आगे कहा, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमने देखा कि सेना की एक किलोमीटर तक भी कोई मूवमेंट नहीं हुई. दो-तीन दिनों में जो कुछ हुआ, वह सिर्फ हवाई युद्ध और मिसाइल युद्ध था. भविष्य में भी युद्ध इसी तरह लड़े जाएंगे. ऐसे में क्या वाकई हमें 12 लाख सैनिकों की सेना बनाए रखने की जरूरत है या फिर उनसे कोई और काम कराया जा सकता है?

पहलगाम में आतंकियों ने किया था हमला

चव्हाण का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब ऑपरेशन सिंदूर को लेकर देशभर में राजनीतिक बहस तेज है. गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक गांव पर हमला किया था. हमलावरों ने खासकर पर्यटकों से उनका धर्म पूछा और फिर गोलीबारी की, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी.

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इस आतंकी हमले के जवाब में भारत ने 7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था. इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी संगठनों से जुड़े 9 ठिकानों को निशाना बनाया गया था और नष्ट कर दिया गया था. 

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