महाराष्ट्र में कौन सरकार बनाएगा? क्या एनसीपी और कांग्रेस मुख्यमंत्री पद के लिए शिवसेना का साथ देंगी? महाराष्ट्र में सरकार बनाने पर जारी मंथन के बीच ये सवाल हर किसी के मन में है. इस बीच सोमवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बैठक हुई, जिसमें अभी सरकार गठन को लेकर तस्वीर साफ नहीं हुई है. लेकिन खबर है कि कोई फैसला लेने से पहले दोनों पार्टियां फूंक-फूंक कर कदम रखना चाहती हैं.
दिल्ली में सोनिया-पवार की जो बैठक हुई, उसमें जो खबर छनकर आ रही है वो ये है कि कांग्रेस अध्यक्ष चाहती हैं कि सरकार बनने के फैसले से पहले सभी मसलों पर बात हो जाए. फिर चाहे वो मंत्री पद हो या फिर कॉर्पोरेशन तक का मामला ही क्यों ना हो. सोनिया गांधी का मानना है कि वह दोबारा कर्नाटक जैसी स्थिति नहीं चाहती हैं, जहां जेडीएस के साथ सरकार बनने के बाद लगातार बयानबाजी होती रही थी.
सूत्रों की मानें तो सोनिया गांधी के इस तर्क पर NCP प्रमुख शरद पवार ने भी हामी भरी है. शरद पवार भी चाहते हैं कि जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेना चाहिए.
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अपना सीएम चाहती है NCP?
इसके अलावा एक तर्क और भी है कि एनसीपी अपने मुख्यमंत्री के लिए भी पिच कर रही है, जिसमें कुछ समय के लिए दोनों पार्टियों का मुख्यमंत्री हो सकता है. इसी के बाद तय हुआ था कि अभी दोनों पार्टियों के राज्य नेताओं को कुछ और बातचीत करनी चाहिए, ताकि सभी बातें साफ हो सकें.
इसी बैठक में तय हुआ था कि एनसीपी-कांग्रेस के नेता मंगलवार को बैठक करेंगे, लेकिन ये बैठक टल गई. दरअसल, मंगलवार को ही पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती है, इसी वजह से कई नेता कार्यक्रमों में व्यस्त हैं. अब ये बैठक बुधवार को हो सकती है.
सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शरद पवार (फोटो: PTI)
पहले सामने आया था ये फॉर्मूला
बता दें कि इससे पहले जब एनसीपी-शिवसेना और कांग्रेस के बीच राजनीतिक खिचड़ी पकने की बात आ रही थी, तब एक फॉर्मूला सामने आया था. जिसमें शिवसेना को पांच साल मुख्यमंत्री पद और कांग्रेस-एनसीपी का डिप्टी सीएम हो सकता है. इसके अलावा मंत्री पदों पर 14-14-12 का फॉर्मूला सामने आया था, हालांकि इनपर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं आई थी.
बैठक के बाद क्या बोले थे पवार?
सोमवार को जब शरद पवार कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात कर बाहर आए तो उन्होंने कहा कि दोनों के बीच सरकार गठन को लेकर कोई बात नहीं हुई है. दोनों पार्टियों ने साथ में चुनाव लड़ा था, इसलिए सिर्फ महाराष्ट्र की राजनीतिक परिस्थिति पर चर्चा की गई है. सरकार गठन को लेकर बात नहीं हुई है. इसके अलावा मंगलवार को जब शरद पवार से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जिन्हें सरकार बनानी है, उनसे सवाल पूछें.