महाराष्ट्र के बारामती में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के जनता दरबार में हजारों लोग अपनी अपनी शिकायतें लेकर आते हैं. अजित पवार के जनता दरबार में एक कार्यकर्ता ने ऐसी अर्जी लगाई कि वे उस पर भड़क गए और यहां तक कह दिया कि क्या मैं वसूली के लिए डिप्टी सीएम बना हूं. आमतौर पर जनता दरबार में शांत होकर सबकी बातें सुनने वाले अजित पवार के भड़कने की वजह भी दिलचस्प है.
दरअसल एक शिकायतकर्ता ने डिप्टी सीएम अजित पवार से उधारी के पैसे वसूलने में मदद मांगी. कार्यकर्ता ने ज्ञापन देकर यह मांग रखी कि लोगों से पैसे वसूलने के लिए सरकारी सहायता मिले. जब यह ज्ञापन अजित पवार तक पहुंचा, वे भड़क गए.
डिप्टी सीएम अजित पवार ने कई कार्यकर्ताओं के बीच उस शिकायतकर्ता को जमकर खरी-खोटी सुनाई. उन्होंने शिकायतकर्ता से कहा कि कहा अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें, कोई भी गलत काम ना करने दें. उन्हें खास तौर पर यह नसीहत दें कि वे साहूकारी के चक्कर में ना पड़ें.
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'मेरे लायक काम लाएं तो करूं मदद'
डिप्टी सीएम की कोशिश यह रहती है कि तत्काल जरूरतमंद लोगों का काम मौके पर ही हो जाए. लेकिन लोग किस तरह की मदद की उम्मीद करेंगे कुछ कहा नही जा सकता. इस मामले के सामने आने पर अजित पवार ने आपा खो दिया और कार्यकर्ता पर भड़क गए. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि एक कार्यकर्ता ने मुझे पैसे वसूलने के लिए ज्ञापन दिया है क्या मैं वसूली के लिए उपमुख्यमंत्री बना हूं. कुछ मेरे लायक काम लेकर आएं तो मैं कुछ मदद कर सकता हूं लेकिन ऐसे काम न लाएं.
अवैध कारोबारियों पर लेंगे एक्शन
उपमुख्यमंत्री ने जनता दरबार में यह भी कहा कि जो लोग अवैध कारोबार कर रहे हैं, अगर वे उधार दे रहे हैं तो उन्हें दंडित किया जाएगा. वित्तीय निवेश में, लेनदेन में किसी गलत आदतों वाले लोगों की सलाह को कभी न मानें.