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'केवल कहने से कुछ नहीं होता', आदित्य ठाकरे के 22 विधायक वाले दावे पर CM फडणवीस का पलटवार

आदित्य ठाकरे ने दावा किया था कि महायुती सरकार के एक प्रमुख सहयोगी दल के 22 विधायक भाजपा में शामिल होने को तैयार हैं. इन दावों के बाद राज्य की राजनीति में बयानबाजी तेज हो गई. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए ठाकरे के आरोपों को पूर्णतः निराधार करार दिया.

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महाराष्ट्र सीएम फडणवीस ने आदित्य ठाकरे के आरोपों को निराधार बताया (File Photo- ITG)
महाराष्ट्र सीएम फडणवीस ने आदित्य ठाकरे के आरोपों को निराधार बताया (File Photo- ITG)

महाराष्ट्र की राजनीति में सोमवार को तब हलचल मच गई जब शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने दावा किया कि महायुती सरकार के एक प्रमुख सहयोगी दल के 22 विधायक भाजपा में शामिल होने को तैयार हैं. ठाकरे के आरोप सीधे तौर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से जुड़े बताए गए, जिन पर उन्होंने इन विधायकों को संरक्षण, फंडिंग और राजनीतिक दिशा देने का आरोप लगाया.

आदित्य ठाकरे ने सवाल उठाया कि अगर सरकार इतनी मजबूत है तो राज्य में नेता विपक्ष की नियुक्ति में देरी क्यों की जा रही है. उन्होंने कहा कि 20-22 विधायक पिछले कुछ महीनों से भारी फंडिंग पा रहे हैं और मुख्यमंत्री के इशारों पर नाच रहे हैं. ठाकरे ने यह भी आरोप लगाया कि विपक्ष के लिए भास्कर जाधव के नाम का विरोध आंतरिक राजनीति का हिस्सा है.

सीएम फडणवीस ने आरोपों को निराधार बताया

इन दावों के बाद राज्य की राजनीति में बयानबाजी तेज हो गई. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए ठाकरे के आरोपों को पूर्णतः निराधार करार दिया. उन्होंने तंज भरे अंदाज में कहा, “अगर कोई कह दे कि हमारे साथ फलां के 22 विधायक हैं, तो कल कोई यह भी कह सकता है कि आदित्य के 20 विधायक भाजपा के साथ हैं. केवल कहने से कुछ नहीं होता.”

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शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना ही असली शिवसेना
फडणवीस ने साफ कहा कि एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना वास्तविक शिवसेना है और भाजपा की उसमें कोई दिलचस्पी नहीं कि उसके विधायक तोड़े जाएं. उन्होंने कहा, “हमारा मकसद शिवसेना को और महायुती को मजबूत करना है, न कि किसी सहयोगी दल को कमजोर करना.”

शिंदे गुट ने भी आदित्य ठाकरे पर पलटवार किया. मंत्री संजय शिरसाट ने चुनौती दी कि ठाकरे पहले अपने 20 विधायकों को बचाएं. वहीं भाजपा विधायक निलेश राणे ने व्यंग्य करते हुए पूछा, “क्या आदित्य ने भविष्यवाणी का बिजनेस शुरू कर दिया है?”

महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में सब ठीक?

गौरतलब है कि यह बयानबाज़ी ऐसे समय हो रही है जब महाराष्ट्र में सत्ता संतुलन बेहद संवेदनशील है और कई क्षेत्रीय नेता चुनावी समीकरणों को लेकर सक्रिय हैं. महायुती के अंदर शिंदे और फडणवीस के नेतृत्व में स्थिरता का दावा किया जा रहा है, लेकिन ठाकरे के आरोपों ने गठबंधन की आंतरिक चुनौतियों को फिर से सार्वजनिक कर दिया है.

आदित्य ठाकरे और फडणवीस के बीच यह नई तकरार सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप नहीं, बल्कि महाराष्ट्र के बदलते राजनीतिक परिदृश्य का संकेत है, जहां सत्ता में तैनाती, विपक्ष की रणनीति और दल-बदल की संभावनाएं लगातार चर्चा का विषय बनी हुई हैं.

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इसके साथ ही 22 विधायक वाले दावे से जुड़े विवाद ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या महाराष्ट्र की राजनीति में अभी भी अस्थिरता की परछाईं बनी हुई है या यह सिर्फ चुनावी प्रेशर बिल्डिंग और राजनीतिक शोर है?ॉ

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