भारतीय जनता पार्टी ने मुंबई में मेयर पद के चुनाव के लिए शिवसेना के खिलाफ अपना उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है. बीजेपी का मानना है कि चूंकि इसके पास पर्याप्त संख्याबल नहीं है इसलिए मेयर चुनाव के लिए उम्मीदवार खड़ा करने का कोई मतलब नहीं है. मुंबई में 22 नवंबर को मेयर का चुनाव है.
इंडिया टुडे से बात करते हुए बीजेपी नेता मनोज कोटक ने कहा, "बीजेपी शिवसेना के खिलाफ मेयर कैंडिडेट नहीं उतारेगी, क्योंकि निगम में हमारे पास समर्थन नहीं है."
शिवसेना को समर्थन पर फैसला नहीं जब बीजेपी नेता से पूछा गया कि क्या उनकी पार्टी मेयर पद के लिए शिवसेना को समर्थन करेगी तो उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर अंतिम फैसला पार्टी नेतृत्व लेगी.
वहीं कांग्रेस ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देने से इनकार किया है. कांग्रेस नेता रवि राजा ने कहा कि इस बाबत कांग्रेस को आलाकमान से आदेश का इंतजार है. कांग्रेस से जब पूछा गया कि क्या वो मेयर चुनाव में शिवसेना के खिलाफ अपना कैंडिडेट उतारेगी, इस पर उन्होंने कहा कि 3 बजे कांग्रेस के पार्षदों की बैठक है, इस बैठक में इस पर विचार किया जाएगा, हालांकि अंतिम फैसला कांग्रेस हाईकमान ही लेगी.
2017 में बीजेपी ने किया था शिवसेना का समर्थन 2017 में जब बृहन्मुंबई महानगर पालिका का चुनाव हुआ था बीजेपी ने शिवसेना के उम्मीदवार विश्वनाथ महादेश्वर का समर्थन किया था. सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में बीजेपी बृहन्मुंबई महानगर पालिका नेता प्रतिपक्ष का चुनाव लड़ सकती है. विपक्ष में आने के बाद बीजेपी के पास शिवसेना की खुली आलोचना का हक होगा.
BMC का समीकरण
बता दें कि बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) में ढाई-ढाई साल के लिए दो बार मेयर चुना जाता है. लेकिन पार्षदों का चुनाव पांच साल में होता है. चुनाव में जीते पार्षद ही मेयर को चुनते हैं. बीएमसी में 227 पार्षद हैं. 2017 के चुनाव नतीजों के मुताबिक शिवसेना के 84 पार्षद चुनाव जीते थे, बाद में एमएनएस के 7 और निर्दलीय के 3 पार्षद भी शिवसेना में शामिल हो गए थे, इस प्रकार बीएमसी के पार्षदों की संख्या 94 हो गई थी.
इस चुनाव में बीजेपी के 83 उम्मीदवारों को जीत मिली थी. कांग्रेस के 29 पार्षद जीते थे जबकि एनसीपी के 8 और समाजवादी पार्टी के 6 उम्मीदवारों को जीत मिली थी. बृहन्मुंबई महानगर पालिका देश का सबसे अमीर नगर निकाय है. इस निकाय में शिवसेना कई सालों से सत्ता में हैं. महाराष्ट्र की मौजूदा राजनीतिक स्थितियों की वजह से मुंबई मेयर का चुनाव दिलचस्प हो गया है.