जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने और राज्य के 2 हिस्से किए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक के बाद एक 14 याचिकाएं दाखिल की गई हैं, इन सभी याचिकाओं पर एक साथ आज बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होनी है. सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एस ए बोवडे और जस्टिस एसए नजीर की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी.
सुप्रीम कोर्ट में कश्मीर मसले पर दाखिल 14 याचिकाओं में अनुराधा भसीन, कांग्रेस समर्थक तहसीन पूनावाला और सोइब कुरैशी ने संचार के साधनों पर लगी रोक के खिलाफ याचिका दाखिल की थी. भसीन ने इसके अलावा पत्रकारों पर लगी रोक हटाने लगाए जाने की भी मांग की थी. उनका कहना था कि पत्रकारों को खुले तौर पर कश्मीर के हालातों को बयां करने का मौका मिलना चाहिए.
इसके अलावा अन्य याचिकाओं में अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन एक्ट के खिलाफ अपील की गई थी.
किन-किन लोगों ने दाखिल की याचिका
मोहम्मद अलीम सैयद
सीताराम येचुरी
मनोहर लाल शर्मा
अनुराधा भसीन
फारुक अहमद डार
शाकिर शबीर
सोइब कुरैशी
मोहम्मद अकबर लोन
इंदर सलीम उर्फ इंदर जी टिक्कू
शाह फैसल
विनीत ढांडा
तहसीन पूनावाला
राधा कुमार और अन्य
मुजफ्फर इकबाल खान
सुप्रीम कोर्ट में अपील करने वालीं राधा कुमार साल 2010-11 में जम्मू-कश्मीर की समस्या पर वार्ताकार रहीं हैं. राधा कुमार के साथ पूर्व आईएएस अधिकारी हैदर तैयब, पूर्व एयर वाइस मार्शल कपिल काक, पूर्व मेजर जनरल अशोक कुमार मेहता, पंजाब कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी अमिताभ पांडे और केरल कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी गोपाल पिल्लई प्रमुख हैं. इन याचिकाकर्ताओं के वकील अर्जुन कृष्णन और कौस्तुभ सिंह है. इस याचिका में याचिकाकर्ताओं ने राष्ट्रपति के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को चुनौती दी गई थी.
वामपंथी नेता सीताराम येचुरी ने भी सोइब कुरैशी के साथ एक याचिका दायर कर अपनी पार्टी के नेता मोहम्मद तारिगामी को पेश करने की मांग की है, जिन्हें अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया है.
दाखिल 14 याचिकाओं में विनीत ढांडा की ही एकमात्र ऐसी याचिका है जो सरकार के समर्थन में है. याचिका में मांग की गई है कि उन लोगों के खिलाफ एक्शन लिया जाए जो माहौल को खराब कर रहे हैं और उन्हें कश्मीर में स्थिति को सामान्य नहीं होने दे रहे हैं.
पूर्व आईएएस अधिकारी और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के अध्यक्ष शाह फैसल, शेहला रशीद समेत सात लोगों ने याचिका दाखिल कर रखी है.
अनुच्छेद 370 रद्द करने के फैसले के खिलाफ याचिका अधिवक्ता एमएल शर्मा ने दायर की है, जबकि नेशनल कांफ्रेंस सांसद मोहम्मद अकबर लोन और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) हसनैन मसूदी ने जम्मू कश्मीर के संवैधानिक दर्जे में केंद्र द्वारा किए गए बदलावों को चुनौती दी है.