गुजरात चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लग गया है. पाटीदार समाज के बड़े नेता और गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. अटकलें तो लंबे समय से लग रही थीं, उनके बयान भी इस ओर इशारा कर रहे थे, अब हार्दिक ने वो बड़ा फैसला भी ले लिया है. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिख अपना इस्तीफा सौंपा है.
उस पत्र में हार्दिक ने कहा है कि आज की कांग्रेस पार्टी सिर्फ विरोध करने तक सीमित रह गई है. देश के लोग जब समाधान चाहते हैं, जब वे एक बेहतर विकल्प चाहते हैं, उस सयम कांग्रेस एक बेसिक रोडमैप तक जनता के सामने प्रस्तुत नहीं कर पा रही है. हार्दिक ने पत्र में अनुच्छेद 370 और जीएसटी जैसे मुद्दों का जिक्र करते हुए कहा कि यहां हर किसी को एक समाधान की जरूरत थी, लेकिन कांग्रेस सिर्फ बाधा बनती रही.
ऐसे में अब हार्दिक के बीजेपी में जाने को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं. उनके पिछले बयान तो इस ओर पहले ही इशारा कर रहे थे, अब कांग्रेस से इस्तीफे ने भी चर्चाओं को हवा दे दी है. वैसे बीजेपी के ही कुछ नेता हार्दिक पटेल को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं हैं. वे हार्दिक को ऐसी जली हुई लकड़ी मान रहे हैं जिसको पकड़ने से सिर्फ हाथ जलने वाला है.
बीजेपी के अंदर इस समय हार्दिक को लेकर वैचारिक मतभेद देखने को मिल रहे हैं. कहा जा रहा है कि हार्दिक पटेल ने पिछले चुनाव के वक्त पीएम मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह तक के लिए जैसे शब्दों का प्रयोग किया था, उसके बाद उन्हें पार्टी में शामिल करना सही नहीं है. वहीं बीजेपी के कुछ पाटीदार नेताओं को अपने भविष्य की भी चिंता है. अब क्योंकि हार्दिक पटेल भी पाटीदार समाज से आते हैं, ऐसे में अगर वे बीजेपी के साथ चले जाते हैं, ऐसी स्थिति में कई दूसरे नेताओं को पत्ता कट सकता है.
इस बारे में जब बीजेपी नेता वरुण पटेल से बात की गई तो उन्होंने भी साफ कर दिया कि हार्दिक को पार्टी में शामिल करने का फैसला हाईकमान का रहने वाला है, लेकिन कार्यकर्ता इसे स्वीकार नहीं करने वाले हैं. उन्होंने अभी के लिए हार्दिक की बीजेपी में आने वाली तमाम अटकलों को भी खारिज कर दिया है.