चक्रवाती तूफान बिपरजॉय चार भारतीय बस्टर्ड great Indian bustard (GIB) पक्षियों के लिए नई मुसीबत लेकर आया. तूफान बिपरजॉय से ये पक्षी लापता हो गए, जिसकी तलाश में गुजरात के वन विभाग की टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ी. दरअसल, गुजरात में एक तरह से लुप्त हो रहे इस प्रजाति के एकमात्र जीवित पक्षी तूफान में लापता हो गए थे. काफी खोजबीन के बाद भी शाम तक वन विभाग के अधिकारियों को पक्षियों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली थी. लेकिन, बाद में टीम ने इन्हें ट्रैक कर लिया. इन पक्षियों को कच्छ के साइक्लोन प्रभावित में ट्रैक किया गया. इनकी ट्रैकिंग जाखू एरिया में हुई. वन विभाग का कहना है कि सभी पक्षी जीवित हैं.
कच्छ के DCF युवराज सिंह जडेजा ने कहा कि साइक्लोन प्रभावित इलाके में The Great Indian Bustard को ट्रैक किया गया है. बस्टर्ड सही सलामत पाए गए हैं.
गुजरात में ज्यादा कहर बरपाने वाले चक्रवात बिपरजॉय ने केवल इंसान ही नहीं कच्छ और सौराष्ट्र में वनस्पतियों और जीवों को भी प्रभावित किया है. चक्रवात में 450 से अधिक पक्षियों - कूट, एग्रेट्स और कॉर्मोरेंट के मरने की खबर है. अधिकारियों का कहना है कि वन्यजीवों पर इसका पूरा प्रभाव अगले कुछ दिनों में ही पता चलेगा.
सुप्रीम कोर्ट जता चुका है चिंता
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट भी इन पक्षियों के संरक्षण की बात कर रहा है. बीते वर्ष दिसंबर में शीर्ष कोर्ट ने 'प्रोजेक्ट टाइगर' जैसे 'प्रोजेक्ट ग्रेट इंडियन बस्टर्ड' संरक्षण कार्यक्रम विकसित करने के बारे में सरकार से जवाब मांगा ताकि गंभीर रूप से लुप्तप्राय पक्षी प्रजातियों के सामने आने वाले संकट पर ध्यान दिया जा सके.
मालूम हो कि सरकार द्वारा 'प्रोजेक्ट टाइगर' को दुनिया में किसी एक प्रजाति के लिए सबसे सफल संरक्षण कार्यक्रमों में से एक माना जाता है. इसलिए अदालत ने ग्रेट इंडियन बस्टर्ड्स या गोडावण के संरक्षण का सवाल उठाया.
दरअसल, गुजरात और राजस्थान में बिजली पारेषण लाइनों के आड़े-तिरछे रहने के कारण बहुत सी ग्रेट इंडियन बस्टर्ड्स या गोडावण की मौते हुई. इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं.