आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को गुजरात में भाजपा सरकार के कथित दमन के शिकार किसानों और उनके परिवारों से मुलाकात की. हड़दड़ आंदोलन के दौरान गिरफ्तार हुए किसानों को सम्मानित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि पूरा गुजरात भाजपा से परेशान है और अब जनता खुलकर कह रही है-भाजपा गुजरात छोड़ो.
उन्होंने गांधी जी के 'भारत छोड़ो आंदोलन' का जिक्र करते हुए दावा किया कि गुजरात में किसानों से शुरू हुआ ये आंदोलन आगे चलकर भाजपा सरकार को सत्ता से हटाएगा.
'ये गुमान इस बार टूटेगा'
किसानों को संबोधित करते हुए केजरीवाल बोले कि गुजरात में भाजपा को 30 साल का अहंकार है कि कोई उन्हें सत्ता से हटा नहीं सकता. लेकिन जैसे अंग्रेजों का अहंकार टूटा था, वैसे ही अब भाजपा का गुमान भी टूटेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि हड़दड़ आंदोलन में किसानों पर लाठीचार्ज, आंसू गैस और फर्जी एफआईआर की गई. किसानों से मिलने आया तो पुलिस ने मुझे तक नहीं मिलने दिया.
'88 किसान जेल भेजे, 46 अब भी अंदर…'
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि करदा प्रथा के खिलाफ आवाज उठाने पर 88 किसानों को गिरफ्तार किया गया. इनमें से 42 रिहा हो चुके हैं, जबकि 46 किसान अभी भी जेल में हैं. उन्होंने कहा कि वकीलों की टीम बनाई है, सबको बाहर निकालेंगे. केजरीवाल ने कहा कि किसानों ने दबाव के बावजूद झुकने से इनकार किया और अब पूरे गुजरात में भाजपा के खिलाफ माहौल बन रहा है. उन्होंने दिल्ली मॉडल का जिक्र करते हुए भाजपा पर स्वास्थ्य और शिक्षा को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया.
'अब गुजरात के पास AAP ही विकल्प'
केजरीवाल ने भाजपा और कांग्रेस पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि गोपाल इटालिया ने भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाए तो कांग्रेस भड़क गई और कार्यक्रम में उन पर जूता फेंका गया. दोनों पार्टियां एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. अब गुजरात के पास आम आदमी पार्टी ही बेहतर विकल्प है.
'सरकार आते ही अत्याचार करने वाले जेल जाएंगे'
उन्होंने वादा किया कि आप की सरकार बनते ही किसानों पर दर्ज सभी केस वापस लिए जाएंगे और 'जेल भेजने वालों को जेल भेजा जाएगा.' गोपाल राय बोले कि हड़दड़ की क्रांति अब पूरे गुजरात में फैल चुकी है. कार्यक्रम में मौजूद आप के गुजरात प्रभारी गोपाल राय ने कहा कि हड़दड़ आंदोलन ने पूरे राज्य में नया साहस पैदा किया है. उन्होंने बताया कि जामनगर, खंभालिया, सोमनाथ, बारडोली, आनंद और बनासकांठा जैसे जिलों में हजारों किसान एकजुट हो चुके हैं और 14 दिसंबर को कच्छ में किसान महापंचायत होगी.